◼️11लोगों की मौत,10 घायल,26 लोगों को मलबे से निकाला गया
◼️एनडीआरएफ,टीडीआरएफ के साथ फायरब्रिगेड,पुलिस मौका-ए- वारदात पर मौजूद
◼️35लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
भिवंडी। भिवंडी के पटेल कंपाउंड स्थित जिलानी बिल्डिंग के रहिवासी हमेशा की तरह रविवार की रात भी सोए थे। रोज की तरह उन्होंने सुबह उठकर अपने व्यापार-व्यवसाय और अन्य कामों को लेकर योजना भी बना ली थी, उन्हें कहां मालूम था कि आज की रात उनमें से 11 लोगों के लिए आखिरी रात होगी। सोमवार तड़के वह तीन महले की बिल्डिंग देखते ही देखते धंस गई। दिल दहला देनेवाले इस हादसे में मलबे में दबने के कारण 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। मृतकों में आठ बच्चों का समावेश है।
35लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका
अभी तक रेस्क्यू ऑपरेशन में कुल 26 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला जा चुका है। जबकि मलबे में दबे 30 -35 लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। हालांकि कुछ स्थानीय लोगों की सतर्कता के कारण बिल्डिंग के कइयों की जान बच गईं। लोगों का कहना है कि इस हादसे का मुख्य कारण बिल्डिंग के नीचे चलने वाला पावर लूम कारखाना है।
ढह गया बिल्डिंग का आधा हिस्सा
भिवंडी के धामनकर नाका परिसर में स्थित पटेल कंपाउंड में सय्यद अहमद जिलानी का घर नंबर 69 पर तीन महले की जिलानी बिल्डिंग है। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर पावरलूम है, जबकि तीन महले पर कुल 54 फ्लैट हैं। 21 सितंबर की रात 3.15 बजे जब बिल्डिंग के सभी लोग गहरी नींद में थे, जोरदार आवाज के साथ बिल्डिंग का आधा हिस्सा जमीन में धंसने लगा। इससे बिल्डिंग में रहने वाले लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही पल में बिल्डिंग का आधा हिस्सा भरभरा कर गिर गया। इसमें कुल 27 फ्लैट थे। उनमें रहनेवाले लोगों में से मलबे में दबने से 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि 11 घायल हो गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
एनडीआरएफ,टीडीआरएफ के साथ मनपा फायरब्रिगेड,मनपा आपत्ति व्यवस्थापन,पुलिस महकमा स्थानीय लोगों के साथ राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है। साथ ही स्वान पथक की मदद से भी मलबे से लोगों को बाहर निकलने का काम जारी है।हालांकि घटनास्थल पर जाने के लिए लिए रास्ता न होने व गली संकरी होने के कारण बचाव कार्य मे तकलीफ हो रही थी।लेकिन कई गालों व चार दिवारी को तोड़कर सभी टीम बचाव कार्य में जुटी है।
पावर लूम के कारण धंसी बिल्डिंग
स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन महले की बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर वर्षो से पावरलूम कारखाना चलता है। लॉक डाउन के कारण बिल्डिग में चलने वाला पावरलूम कारखना बंद था। बंद कारखाने में बरसात के दौरान पानी भर जाता था, जिसे मोटर लगाकर निकाला जाता था। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कारखाने में पानी भरा होने के कारण बिल्डिंग का पिल्लर कमजोर हो गया था। साथ ही देखरेख के अभाव में चूहों ने कारखानों को खोद दिया था। इस कारण पिल्लर कमजोर होने से बिल्डिंग गिरने की घटना घटी व निर्दोषों की जानें चली गईं।
मृतकों के नाम
इस हादसे में मरनावाले लोगों के नाम इस प्रकार हैं-
जुबेर कुरैशी (30),फ़ायजा कुरैशी( 5),आयशा कुरैशी( 7),बब्बू (27),फातिमा जुबेर बब्बू (2),फातिमा जुबेर कुरैशी (8),उजेब जुबेर (6),आसका आबिद अंसारी (14),अंसारी दानिश आदिल (12),सिराज अहमद शेख (28),कौसर सिराज शेख (27)
घायलों के नाम
इस हादसे में घायलों में ये शामिल हैं-
कैसर सिराज शेख (27),रुखसार क़ुरैशी (26),हैदर सलमानी (20),मोहम्मद अली (60),शब्बीर कुरैशी (30),मोमिन शमीऊहा शेख (45) ,रुखसार जुबेर शेख (25),अबुसाद सोरजुद्दीन अंसारी (18),आवेश सोरजुद्दीन अंसारी (22),जुलेखा अली शेख (52),उमेद जुबेर कुरैशी (4)
बुर्का पहनने के चक्कर मे दो बेटों के साथ फंसी परवीन
हादसे की शिकार हुई बिल्डिंग में दूसरे महले पर सपरिवार भाड़े पर रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी शरीफ अंसारी ने बताया कि उन्हें बिल्डिंग के टूटने की आवाज सबसे पहले आई, जिसके बाद वे अपनी पत्नी आफरीन के साथ बिल्डिंग में रहने वालों के दरवाजे खटखटा कर उन्हें जगाने में जुट गए। कई लोगों की जान इनकी सतर्कता के कारण बच गई। उन्होंने बताया कि उनके साथ परवीन नामक महिला भी लोगों को जल्द से जल्द बिल्डिंग खाली कराने की कोशिश में जुटी थी।कई लोगों को जगाने के बाद परवीन खुद अपने घर मे बुर्का पहनने चली गई। उसके साथ उसके दो बच्चे भी चले गए।इसी दरम्यान बिल्डिंग धंस गई और महिला व उसके दोनों बच्चे मलबे में दब गए,जबकि उसका पति व अन्य दो बड़े बच्चे बाहर रहते हैं।
कईयों की मलबे से आ रही है आवाज
अनहोनी की आशंका को लेकर परिजनों का बुरा हाल हो रहा है। शरीफ अंसारी ने दावा किया है कि अभी भी बिल्डिंग में 25 से 30 लोग फंसे हैं।कइयों की मलबे से आवाज भी आ रही है। उन्हें मलबे से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू है। लेकिन बारिश के कारण इसमें दिक्कत आ रही है।
36 साल पुरानी थी बिल्डिंग,मालिक पर केस दर्ज
भिवंडी मनपा आयुक्त डॉ पंकज आशिया ने बताया कि जिलानी बिल्डिंग 36 साल पुरानी थी और मनपा ने फरवरी में बिल्डिंग को खाली करने की नोटिस भी दी थी। लेकिन कोरोना के कारण इसमें रहने वाले लोग बिल्डिंग को खाली नहीं कर रहे थे। इधर डीसीपी राजकुमार शिंदे ने बताया कि इस हादसे के जिम्मेदार बिल्डिंग मालिक व मुस्लिम धर्मगुरु सय्यद अहमद जिलानी के खिलाफ भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका की शिकायत पर नारपोली पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 337,338,304(2) के तहत केस दर्ज किया गया है। लेकिन उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संवेदना व्यक्त की
हादसे के कुछ घंटे के बाद ठाणे जिला पालकमंत्री एकनाथ शिंदे घटनास्थल पर पहुंच गए और इसकी पूरी जानकारी उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दी। मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर अपनी संवेदना व दुख व्यक्त किया।
मृतक के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख का मुआवजा व घायलों को सरकारी खर्च से इलाज कराने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने पालकमंत्री शिंदे को घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का आदेश दिया। पालकमंत्री के अलावा गृह निर्माणमंत्री जितेंद्र आह्वाड,विधान परिषद विरोधी पक्ष नेता प्रवीण दरेकर,जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर,भिवंडी पूर्व के विधायक रईस शेख,महेश चौघुले,पूर्व विधायक रूपेश म्हात्रे ने घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे का जायजा लिया।