कुहासा के कारण सभी ट्रेनों में लगेगी फॉग सेफ डिवाइस! जानिये, ये कैसे करता है काम

फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है, जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिग्नल की चेतावनी देता है।

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ठंड के मौसम में कोहरे के कारण ट्रेन परिचालन में होने वाली समस्या के मद्देनजर पूर्व मध्य रेलवे द्वारा सभी ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया जाएगा, ताकि संरक्षित तरीके से ट्रेनों का परिचालन हो सके।

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि ट्रेन के सुरक्षित परिचालन की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। जिससे कि कोहरे के दौरान गाड़ियां कम से कम लेट से चले और यात्रियों को परेशानी नहीं हो। इसके लिए सभी ट्रेन के इंजनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है। ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के शत-प्रतिशत मेल, एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है।

क्या है फॉग डिवाइस?
-फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है, जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिग्नल की चेतावनी देता है, जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किए जा रहे हैं, जो कुहासे के दौरान रेल लाइन पर सिग्नल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान के लिए उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है।

-इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी, वहीं कोहरे के बावजूद समय पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी। लाइनमैन एवं पेट्रोलमैन कर्मचारियों को जीपीएस भी उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके। सिग्नलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिग्नल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिग्नल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिग्नल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है, ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिग्नल के संबंध में अधिक सतर्क हो जाएं।

सलाहकार कर रहे हैं कांउसिलिंग
शीतकाल में सुगम ट्रेन परिचालन के लिए बरती जाने वाली इन कदमों की जानकारी देने के लिए ट्रेन परिचालन से सीधे रूप से जुड़े रेलकर्मियों की संरक्षण सलाहकारों द्वारा लगातार कांउसिलिंग भी की जा रही है। सभी स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दी जाए। इसके बाद दृश्यता की जांच वीटीओ (विजुविलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट) से करें। दृश्यता बाधित होने की स्थिति में लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक पावर, लोड और दृश्यता की स्थिति के आधार पर गाड़ी की गति को नियंत्रित करेंगे।

नियंत्रित गति से चलाने का निर्देश
लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर वे गाड़ियों को नियंत्रित गति से चलाएं। समपार फाटक पर तैनात गेटमैन एवं आम लोगों तक ट्रेन गुजरने की सूचना मिल सके, इसलिए ट्रेन के चालक समपार फाटक के काफी पहले से लगातार हॉर्न देंगे, ताकि यह पता चल सके कि समपार फाटक से ट्रेन गुजरने वाली है।

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