कैदियों को सुविधाएं दिए जाने का मामलाः अब इन अधिकारियों के कार्यालयों में भी रहेगी तीसरी नजर

तिहाड़ जेल करीब 400 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और इससे पेपर मैकिंग, टेलरिंग, पोट्री, शू मेकिंग और बेकिंग जैसे बिजनेस भी चल रहे हैं।

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तिहाड़ जेल में प्रभावशाली कैदियों द्वारा सुविधाओं के इस्तेमाल को लेकर जो शिकायतें आई थीं, उस पर उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना द्वारा गठित जांच कमेटी ने जेल में सुधार के संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच कमेटी ने पाया है कि जेल के कई हिस्सों में अभी भी सीसीटीवी कैमरे नहीं है।

इनमें जेल सुपरिटेंडेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट के ऑफिस भी शामिल है। कमेटी ने इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव दिया है। हालांकि प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए जेल के डीजी और एआईजी के दफ्तरों को इससे बाहर रखने की छूट दी गई है।

तीन सदस्य कमेटी ने दिए हैं सुझाव
दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले की जांच के लिए बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जेल प्रबंधन से जुड़ी कई खामियों को उजागर किया है। एलजी की ओर से बनाई गई तीन सदस्य कमेटी ने इन खामियों को दूर करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव अश्विनी कुमार की अध्यक्षता में गठित कमेटी में कानून विभाग के प्रमुख सचिव और विजिलेंस विभाग के सचिव भी शामिल थे। हाल ही में इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एलजी को सौंपी है।

जेल अकाउंट कार्ड का दुरुपयोग
जांच कमेटी ने पाया कि जेल में बंद प्रभावशाली और पैसे वाले कई कैदी दूसरे कैदियों के जेल अकाउंट कार्ड का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए कमेटी ने जेल महानिदेशक को कार्ड के सही इस्तेमाल के लिए नई एसओपी बनाने और प्रभावी बायोमैट्रिक सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया है। कमेटी ने जेल में बंद कैदियों को लालच देकर डराकर उनसे प्रभावशाली कैदियों के काम करवाने के चलन पर रोक लगाने के लिए भी एसओपी तैयार करने का सुझाव दिया है।

सत्येंद्र जैन को सुविधाएं देने का वीडियो हुआ था वायरल
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को सुविधाएं देने के मामले में सीसीटीवी फुटेज आई थी और अदालत को भी दी गई है। इसके बाद एलजी ने जेल की कमियां उजागर करने के लिए और उसमें सुधार के लिए यह तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया था। तिहाड़ जेल को दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जेल माना जाता है और यह कई हिस्सों में बंटा है, इसमें 9 सेंट्रल जेल शामिल हैं।

400 एकड़ में फैली है जेल
हर जेल में अलग-अलग कैदी रहते हैं और कैदियों का बंटवारा उनके नाम, लिंग, क्राइम और सजा के आधार पर किया गया है। यह करीब 400 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और इससे पेपर मैकिंग, टेलरिंग, पोट्री, शू मेकिंग और बेकिंग जैसे बिजनेस भी चल रहे हैं। दिल्ली में तीन अहम कारागार हैं, जिनमें तिहाड़, रोहिणी और मंडोली शामिल है। तिहाड़ में 9 सेंट्रल जेल आते हैं, बाकि सेंट्रल जेल रोहिणी और मंडोली में शामिल हैं।

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