महाराष्ट्र सरकार ने भगुर (जिला नासिक) में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जन्मस्थली के विकास के लिए जिला वार्षिक योजना से धनराशि उपलब्ध कराने की स्वीकृति दे दी है। योजना विभाग ने 14 दिसंबर को इस संबंध में शासनादेश जारी किया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की ओर से लगातार इसके लिए प्रयास किया गया।
तीन साल में 1000 करोड़ का फंड
शासन ने राज्य में किलों, मंदिरों एवं महत्वपूर्ण संरक्षित स्मारकों के संरक्षण हेतु जिला वार्षिक योजना (सामान्य) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 से आगामी तीन वर्षों के लिए 3 प्रतिशत धनराशि के प्रावधान की स्वीकृति प्रदान की है। सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने महाराष्ट्र की प्राचीन और महान सांस्कृतिक परंपरा और विरासत को संरक्षित करने हेतु इस फैसले के लिए उपमुख्यमंत्री और योजना मंत्री देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद दिया है। इस फैसले के तहत तीन साल में एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध होगी।
औपनिवेशिक इमारतों का भी समावेश
महाराष्ट्र की भूमि काफी प्राचीन और महान सांस्कृतिक परंपरा से परिपूर्ण है, जिसमें पत्थर में खोदी गई अजंता-वेरुल जैसी गुफाएं, छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में निर्मित रायगढ़ और सिंधुदुर्ग जैसे किले, गढ़चिरौली जिले में श्री मार्कंडेय और श्री त्र्यंबकेश्वर जैसे मंदिर के साथ ही यादव और मराठा काल के दौरान निर्मित और सुंदर मूर्तियों से सुशोभित, चंद्रपुर किला, बल्लारपुर किला, राजुरा में श्री सिद्धेश्वर मंदिर, भद्रावती में विजयासन गुफाएं, मध्यकालीन दरगाह और मकबरे के साथ-साथ औपनिवेशिक संरक्षित पुरानी इमारतें शामिल हैं। ऐतिहासिक एवं प्राचीन स्मारकों में से 288 स्मारकों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय महत्व के रूप में संरक्षित किया गया है। साथ ही, महाराष्ट्र राज्य के सांस्कृतिक मामला विभाग, पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय द्वारा 387 स्मारकों को संरक्षित घोषित किया गया है। इसमें घटोत्कच और धाराशिव गुफाएं, राजगढ़, सिंहगढ़, मानिकगढ़ जैसे किले और गढ़ जेजुरी, निरनसिंहपुर, श्री तुलजाभवानी जैसे मंदिर, लोकमान्य तिलक, स्वातंत्र्यवीर सावरकर जैसे महापुरुषों के जन्मस्थान और गेटवे ऑफ इंडिया जैसे स्मारक शामिल हैं।
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर उपहार
चूंकि राज्य की योजनाओं में सभी संरक्षित स्मारकों के संरक्षण के लिए उपलब्ध धनराशि बहुत कम है, इसलिए स्वतंत्रता अमृत महोत्सव के अवसर पर जिला योजना समिति के माध्यम से राशि उपलब्ध कराने का मामला सरकार के विचाराधीन था। इस संबंध में सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया। इस दौरान बताया गया कि पर्यटन एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा इस संदर्भ में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।