जनवरी 2023 में राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद जहां प्रत्याशियों में खुशी का माहौल है, वहीं कुछ के मन में डर भी बढ़ गया है, क्योंकि, अमित शाह के साथ बैठक में तय किए गए फॉर्मूले के मुताबिक दूसरे कैबिनेट विस्तार में सिर्फ 14 कैबिनेट मंत्री ही शामिल होने जा रहे हैं। इसलिए इस सूची से किसका पता काटा जाएगा, इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिंदे गुट में चर्चा शुरू हो गई है।
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर बैठक के बाद रात में शिंदे और फडणवीस ने अमित शाह से मुलाकात की। इसमें महाराष्ट्र से जुड़े कई विषयों पर चर्चा हुई। शाह ने शिंदे-फडणवीस से कहा कि उन्हें जनवरी के अंत तक कैबिनेट विस्तार पर कोई आपत्ति नहीं है। उसके बाद शाह के सामने मंत्रिस्तरीय फॉर्मूला तय हुआ।
कुल 21 मंत्री लेंगे शपथ
इस हिसाब से आगामी कैबिनेट विस्तार में कुल 21 मंत्री शपथ लेंगे। इनमें से 14 कैबिनेट और 7 राज्य मंत्री होंगे। कैबिनेट मंत्रियों में से बीजेपी को 10, जबकि शिंदे समूह को 4 सीटें मिलेंगी। शिंदे गुट दो पद निर्दलीय विधायकों के लिए छोड़ेगा। राज्य के मंत्रियों के पदों को देखते हुए मालूम होता है कि बीजेपी के 4 और शिंदे गुट के तीन विधायक शपथ लेंगे।
जिम्मेदारियों का किया जाएगा पुनर्वितरण
-वर्तमान में राज्य के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित 20 मंत्री हैं। उसमें भी गिने-चुने मंत्रियों को ही कई विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। चूंकि मदद के लिए कोई राज्य मंत्री नहीं है, इसलिए सत्र के दौरान उन पर काम का काफी दबाव होगा।
-अभिभावक मंत्री के रूप में भी, एक मंत्री के पास दो या दो से अधिक जिले होते हैं। इसका जोर जिले के विकास से जुड़ी निर्णय लेने की प्रक्रिया पर आ रहा है। इतना ही नहीं मंत्रिमंडल विस्तार से आकांक्षी विधायकों में मायूसी भी बढ़ती जा रही है। अगर जनवरी में विस्तार होता है तो इन सभी मसलों का समाधान हो जाएगा। मौजूदा कैबिनेट में 20 और मंत्री शामिल होने पर जिम्मेदारियों के पुनर्वितरण की भी संभावना है।
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