पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता 16 दिसंबर की रात पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। शाह ने हाल में सार्वजनिक मंचों पर शीर्ष नेताओं के बीच जुबानी जंग और बेहतर तालमेल नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को नसीहत दी है कि पंचायत चुनाव होने हैं और उसके बाद लोकसभा चुनाव है। ऐसे में सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, दिलीप घोष, सांगठनिक महासचिव अमिताभ चक्रवर्ती, बंगाल भाजपा के प्रभारी और बिहार के पूर्व मंत्री मंगल पांडे सहित प्रदेश के कई शीर्ष नेता उपस्थित रहे। अमित शाह ने कहा कि 2019 में भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज कर रिकॉर्ड कायम किया है। उसे बरकरार रखना सबसे बड़ी चुनौती है।
लक्ष्य हासिल करने के लिए दी ये सलाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि निचले स्तर के कार्यकर्ताओं को मजबूत बनाकर ही इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसलिए प्रदेश नेतृत्व को बेहद सजग और बेहतर तालमेल के जरिए काम करना होगा। उन्होंने आश्वस्त किया है कि बंगाल के लिए केंद्र से भाजपा की जो भी उम्मीदें होंगी उसे पूरा किया जाएगा। प्रदेश नेतृत्व ने पंचायत चुनाव में भी केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए पहल करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। शाह ने आश्वस्त किया है कि पार्टी इस पर निश्चित तौर पर सहायक बनेगी।
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अमित शाह 17 दिसंबर को सचिवालय में पूर्वी क्षेत्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में शाह हिस्सा लेंगे। वो इसके अध्यक्ष हैं। मेजबान राज्य होने के नाते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसकी उपाध्यक्ष हैं। इस बैठक में ममता के के अलावा बिहार, झारखंड, ओडिशा और सिक्किम के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे।
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