संतों और महापुरुषों को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा कथित रूप से दिए गए आपत्तिजनक बयान के विरोध में महाविकास आघाड़ी ने 17 दिसंबर को महामोर्चा निकाला। अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके इस मोर्चे की जमकर आलोचना की है।
फडणवीस ने कहा है कि महाविकास आघाड़ी केवल एक राजनीतिक मोर्चा है। संतों को गालियां देने वाले लोग, जिन्हें डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म कहां हुआ, यह भी पता नहीं है, वे आज मोर्चा निकाल रहे हैं। फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से पूछा है कि जब कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का अपमान किया तो उसने मोर्चा क्यों नहीं निकाला? फडणवीस ने महाविकास आघाड़ी की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल राजनीतिक भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवाजी महाराज हमारे पूज्य
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पिछले 60 वर्षों से चला आ रहा है। फडणवीस ने कहा कि यह एक ऐसा मोर्चा है, जिसे जबर्दश्ती राजनीतिक रंग दिया गया क्योंकि उनके पास मुद्दे नहीं बचे हैं। फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, और बाबासाहेब आंबेडकर हमेशा हमारे पूजा रहेंगे।
पार्टी की तरह मार्च भी नैनो…
फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे की कैसेट वही थी, उनके भाषण में कोई नई बात नहीं थी। हमने इस सरकार को उनकी नाक के नीचे से ले लिया, जो इसे चला नहीं सके। तीन पार्टियां एक साथ आईं, लेकिन मोर्चा इतना छोटा था। हमने उनसे आजाद मैदान में मोर्चा निकालने के लिए कहा था, लेकिन उन्हें यह पता था कि उनके पास मैदान भरने के लिए पर्याप्त संख्या में लोग नहीं हैं। इसलिए उन्होंने ऐसी जगह चुनी, जहां सड़क संकरी थी। देवेंद्र फडणवीस ने एमवीए की आलोचना करते हुए कहा कि मोर्चा भी उनकी पार्टी की तरह नैनो था।