केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उम्मीद जताई है कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल और टेलीकम्युनिकेशन बिल संसद के मानसून सत्र में पारित हो जायेंगे।
गूगल फॉर इंडिया का 8वां संस्करण 19 दिसंबर को यहां आयोजित किया गया। इसमें भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को हर भारतीय के लिए अधिक समावेशी, सहायक और सुरक्षित बनाने की यात्रा में अगले कदमों के बारे में विचारकों और विशेषज्ञों को एक साथ लाया जा रहा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के साथ मंच साझा किया।
खास बातेंः
-गूगल फॉर इंडिया कार्यक्रम में सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री ने कहा, “डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक और दूरसंचार विधेयक जुलाई-अगस्त में संसद में पारित हो जाएगा।”
-अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) भारत की टेक स्टोरी में बड़ी भूमिका निभाने जा रही है। एक बार डॉटा प्रोटेक्शन बिल, डिजिटल इंडिया बिल और टेलिकॉम बिल आ जाएं, उसके बाद तकनीक की शक्ति का उपयोग करने के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे।
-वैष्णव ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन बिल और डिजिटल इंडिया बिल का फोकस एआई के लाभों को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत मंच तैयार करना है। इसमें मध्यम वर्ग और गरीबों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि अंतत: उन्हें प्रौद्योगिकी का लाभ मिल सके। आज देश में तकनीक को बहुत तेजी से अपनाया जा रहा है। कई तरह के नए विकास को समाज के जरूरत के मुताबिक कैसे नया रूप दिया जाए उस पर हमारा फोकस है।
-केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक व्यापक कानूनी और नियामक संरचना का निर्माण कर रहा है। यह समय के अनुरूप भारत की जरूरतों से मेल खायेगी। हमारी वास्तविकताओं के आसपास निर्मित इसी सिलसिले में डेटा प्रोटेक्शन बिल, डिजिटल इंडिया बिल और टेलीकॉम बिल बनाए जा रहे हैं।
-अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत प्रभावशाली डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने के लिए अपनी प्रतिभा का निर्माण और उपयोग करना जारी रखेगा। स्टार्ट अप इकोसिस्टम को टियर 2/3 शहरों में ले जाया जाएगा। साइबर सुरक्षा के लिए स्थिर, व्यापक कानूनी और नियामक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा पर पूरी दुनिया की दिलचस्पी है। भारत से ज्ञान को दूसरे देशों तक ले जाने और विश्वसनीय समाधान विकसित करने में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका है जो न केवल भारतीयों बल्कि दुनिया भर के लोगों को लाभान्वित कर सकता है।
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