इंडिया टुडे समूह के समाचार प्रस्तोता राजदीप सरदेसाई पर कार्रवाई का डंडा चल गया है। किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस के विरुद्ध गलत जानकारी वाला ट्वीट करके गलतफहमी फैलाने के मामले में उन्हें लेनी की देनी पड़ी है। उनके समूह ने उन पर रोक लगा दी है।
तथाकथित किसानों के ट्रैक्टर परेड ने जो हिंसा बरपाई उसका जख्म अभी भी रिस रहा है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने उपद्रवियों के विरुद्ध 25 से अधिक एफआईआर दर्ज कर लिये हैं। इसको लेकर 26 की शाम तक जो किसान नेता बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे वे या तो भाग खड़े हुए हैं या फिर रो रहे हैं। इन्हीं किसानों की परेड में एक तथाकथित बड़े पत्रकार राजदीप की भी परेड शुरू हो गई है।
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राजदीप सरदेसाई इंडिया टुडे समूह के सलाहकार संपादक हैं। उन्हें लेकर खबर है कि किसानों की ट्रैक्टर परेड को लेकर किया गया उनका वो ट्वीट अब उन्हीं पर भारी पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार उनके समूह ने उन्हें दो सप्ताह के लिए ऑफ एयर ( समाचार या कार्यक्रमों की प्रस्तुतिकरण से रोकना) कर दिया है यही नहीं राजदीप की एक महीने की तनख्वाह भी काट ली गई है।
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ये है आरोप…
गणतंत्र दिवस पर जब दिल्ली के आईटीओ, लाल किले समेत शहर में किसानों के ट्रैक्टर का तांडव चल रहा था तो राजदीप सरदेसाई ने एक ट्वीट किया। जिसमें नवनीत नामक किसान की पुलिस की गोली से मौत की बात लिखी गई थी और तिरंगे से लिपटा शव दिखाया गया था। इस ट्वीट को कुछ देर बाद ही राजदीप ने डिलीट भी कर दिया। आरोप है तब तक इसका प्रभाव जमीन पर पड़ चुका था।
आंदोलन के उग्र होने में भूमिका
ट्रैक्टर परेड के उग्र होने के कारणों और कारकों की जांच अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हाथ है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि आंदोलन के उग्र होने के कई कारणों में से एक कारण गलत संदेशों से फैलाए गए दुष्प्रचार का भी है। जिसको लेकर राजदीप सरदेसाई पर सरकारी कार्रवाई हो ना हो पर संस्थागत कार्रवाई हो गई है।