चीन में कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे खतरे के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसहारा, निराश्रित और कमजोर वर्ग के असुरक्षित लोगों को बढ़ती ठंड एवं शीतलहर के साथ-साथ कोरोना के संभावित खतरे से बचाव के लिए कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार रैन बसेरों का संचालन करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रैन बसेरों में साफ-सफाई के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाए। नियमित सेनेटाइजेशन हो और “दो गज की दूरी” का भी ध्यान रखा जाए।
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय निदेशालय की निदेशक नेहा शर्मा की ओर से समस्त नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता के अंतर्गत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा निर्देशों में कोविड प्रोटोकॉल के पालन को अनिवार्य बताया गया है। इसमें कहा गया है कि रैन बसेरों में नियमित रूप से सेनेटाइजेशन की कार्यवाही संचालित की जाए। कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत दो गज की दूरी का भी अनुपालन कराया जाए। निर्देशों का अनुपालन करते हुए निकाय में संचालित रैन बसेरों का विस्तृत विवरण निदेशालय के गूगल लिंक पर प्रतिदिन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि जिलों में संचालित समस्त रैन बसेरों में व्यवस्थाओं की राज्यस्तर पर निगरानी की जा सके।
रैन बसेरों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरुरी
निदेशक नेहा शर्मा ने बताया कि रैन बसेरों में कोरोना प्रोटोकॉल के अनुपालन के निर्देश सामान्य हैं लेकिन चीन में जो कोरोना का आउटब्रेक देखने को मिल रहा है उसके दृष्टिगत एहतियातन हमें भी अब थोड़ा और सतर्क होने की जरूरत है। ये निर्देश सामान्य निर्देशों के क्रम में ही थे लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इनका अनुपालन करना आवश्यक और अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रोएक्टिव एक्शन के तहत ये निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग से आगे यदि कोई और निर्देश मिलता है तो उसके भी अनुपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा।
निराश्रित असहाय एवं कमजोर वर्ग पर विशेष ध्यान
कोरोना प्रोटोकॉल के अलावा जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, उनमें कहा गया है कि नगरीय निकायों में सड़क, फुटपाथ एवं अन्य खुले स्थानों पर रात में सोने वाले निराश्रित असहाय एवं कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए रैन बसेरों को तत्काल शुरू किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सार्वजनिक स्थानों सड़क, पटरी, अस्पताल, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, मंदिर और सार्वजनिक बाजार इत्यादि में कोई भी असहाय व्यक्ति खुले में न सोए। नगर आयुक्त अपने निकाय में भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी अवस्था में कोई भी आश्रयहीन व्यक्ति खुले में न सोए। यदि कोई व्यक्ति खुले में सोया हुआ पाया जाता है तो उसे निकटतम रैन बसेरे में रहने की उचित व्यवस्था प्रदान की जाए। रैन बसेरों में सुविधाएं अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण हों तथा इनमें साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल एवं प्रकाश की व्यवस्था की जाए। महिलाओं एवं पुरुषों के सोने एवं शौचालय की अगल व्यवस्था हो।
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अलाव जलाने के लिए खास नियम
नगर आयुक्त, एवं अधिशासी अधिकारी व्यापार मंडल, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं बैंकिंग संस्थाओं आदि से समन्वय स्थापित कर निराश्रित एवं कमजोर वर्गों को कंबल वितरण की व्यवस्था कराएं। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में अलाव जलाने के लिए सार्वजनिक स्थानों का चिह्नीकरण कर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नगर आयुक्तों को ये भी निर्देश है कि वो रात में भ्रमण कर खुले में सोने वाले व्यक्तियों को रैन बसेरों में पहुंचाने की व्यवस्था कराएं, ताकि किसी भी व्यक्ति की खुले में सोने से मृत्यु न हो। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाए।