महाराष्ट्र के बहुचर्चित फोन टैपिंग मामले में पुणे न्यायालय ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला की जांच से सम्बंधित पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को 21 दिसंबर को खारिज कर दिया है। कोर्ट की इस कार्यवाही से रश्मि शुक्ला को करारा झटका लगा है।
यह है मामला
रश्मि शुक्ला पर वर्ष 2019 में बिना अधिकृत अनुमति से राज्य के कई नेताओं के फोन 36 दिनों तक फर्जी नाम के आधार पर टैपिंग करवाने का आरोप है। इन नेताओं में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, भाजपा नेता संजय काकड़े, बच्चू कड़ू और आशीष देशमुख आदि शामिल थे।
पूर्व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने दिया था जांच का आदेश
इस मामले की जांच का आदेश पूर्व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने दिया था। इस मामले में पिछले वर्ष पुणे के बंडगार्डेन पुलिस स्टेशन में रश्मि शुक्ला के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। हालांकि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिंदे -फडणवीस सरकार ने रश्मि शुक्ला को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद बंडगार्डेन पुलिस स्टेशन की टीम ने पुणे जिला कोर्ट में रश्मि शुक्ला की जांच से संबंधित मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट को 21 दिसंबर को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसलिए इस मामले में रश्मि शुक्ला की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।