इस समय नागपुर में चल रहा विधानमंडल का शीतकालीन सत्र तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोपों से गुलजार है। पहले 2 दिन विपक्ष का पलड़ा भारी रहा, लेकिन फिर सत्ता पक्ष ने सीधे तौर पर उद्धव ठाकरे गुट के विधायक आदित्य ठाकरे को निशाने पर लिया तो विपक्ष को दुविधा का सामना करना पड़ाष इस बीच, एनसीपी के वरिष्ठ नेता जयंत पाटील का निलंबन विपक्ष के नेता अजीत पवार की सीधी विफलता साबित हुई। वहीं, चर्चा रही कि अजीत पवार एनसीपी छोड़ देंगे। उस वक्त शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि अगर अजीत पवार राष्ट्रवादी पार्टी छोड़कर शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत होगा।
दीपक केसरकर ने क्या कहा?
सभी जानते हैं कि अगर अजीत पवार जैसा होनहार नेता किसी भी पार्टी में आता है, तो उसका स्वागत किया जा सकता। मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि अगर वे राकांपा छोड़कर शिंदे-फडणवीस में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है।
गुस्से में अजित पवार
राकांपा के वरिष्ठ नेता जयंत पाटील ने जब सत्र को अस्थायी रूप से स्थगित करने का फैसला किया। उस समय विपक्ष के नेता अजीत पवार ने इसका प्रभावी विरोध नहीं किया, इसलिए अजीत पवार की भूमिका पर संदेह जताया जाने लगा। उसके बाद खबरें आईं कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी अजीत पवार से फोन पर बात की। जब मीडिया ने इस बारे में पूछा तो अजीत पवार भड़क गए और कहा कि मुझे यह सिखाने की जरूरत नहीं है कि विपक्षी दल की जिम्मेदारी क्या होती है।