रश्मि शुक्ला फोन टैपिंग मामला : तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे का चौंकाने वाला खुलासा

पूर्व पुलिस कमिश्नर रश्मि शुक्ला एक बार फिर मुश्किलों में घिरती नजर आ रही हैं। पुणे सत्र न्यायालय ने फोन टैपिंग मामले की नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं।

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पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर रश्मि शुक्ला एक बार फिर मुश्किलों में घिरती नजर आ रही हैं। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिससे इस मामले में नया मोड़ आने की संभावना है। इस बीच, पुणे सत्र न्यायालय ने फोन टैपिंग मामले की नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं। रश्मि शुक्ला फोन टैपिंग मामले में तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे ने पूछताछ के दौरान बताया कि रश्मि शुक्ला ने हमसे फोन टैप कराया था। फोन टैपिंग मार्च, 2016 से जुलाई, 2018 के बीच की गई थी।

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‘इन’ नेताओं ने लगाया था आरोप
2021 में इस मुद्दे को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सदन में उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि देवेंद्र फडणवीस के कहने पर रश्मि शुक्ला ने उनका फोन टैप कराया था। रश्मि शुक्ला पर फोन टैपिंग का आरोप कांग्रेस नेता नाना पटोले, रावसाहेब दानवे के पीए, भाजपा सांसद संजय काकड़े, प्रहार एसोसिएशन के अध्यक्ष और विधायक बच्चू कडू, आशीष देशमुख ने लगाया है। इसके अलावा कुछ सरकारी अधिकारियों और कुछ पत्रकारों के फोन टैपिंग करने का आरोप हैं।

कोर्ट ने पुणे पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट कर दी खारिज
मामले की जांच के लिए तत्कालीन गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। उस समय तत्कालीन पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय जांच कमेटी के प्रमुख थे। समिति द्वारा जांच के बाद, पुणे पुलिस इंस्पेक्टर वैशाली चंदगुडे ने 25 फरवरी, 2022 को बुंड गार्डन पुलिस स्टेशन, पुणे में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में पुणे पुलिस ने रश्मि शुक्ला को क्लीन चिट दे दी और पुणे कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की। लेकिन कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए रश्मि शुक्ला को क्लीन चिट देने से इनकार कर दिया।

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