रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विश्वास जताया है कि एससीओ और जी-20 की भारत की अध्यक्षता दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग का निर्माण करने और पूरी दुनिया में स्थिरता व सुरक्षा को मजबूत करेगी। भारत ने एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता तथा 16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता संभाली थी।
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क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए नए साल के संदेशों में पुतिन ने कहा कि रूस और भारत ने 2022 में अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई और दोस्ती एवं पारस्परिक सम्मान की सकारात्मक परंपराओं पर भरोसा करते हुए दोनों देश अपनी खास रणनीतिक साझेदारी को जारी रखे हुए हैं।
एससीओ में ‘ये’ देश शामिल
पुतिन ने कहा कि दोनों देशों ने ऊर्जा, सैन्य प्रौद्योगिकी और सहयोग के अन्य क्षेत्रों के अलावा बड़े पैमाने पर व्यापार एवं आर्थिक परियोजनाओं को अंजाम दिया तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक एजेंडे के महत्वपूर्ण मामलों के समाधान के लिए समन्वित प्रयास किए। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत की हाल में शुरू हुई एससीओ और जी-20 अध्यक्षता एशिया और पूरी दुनिया में स्थिरता एवं सुरक्षा को मजबूत करने के हित में, हमारे लोगों के लाभ के लिए बहुआयामी रूस-भारत सहयोग के निर्माण के लिए नए अवसर खोलेगी। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की आलोचना नहीं की है। भारत की ओर से कहा जाता रहा है कि संकट को बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।