महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के कथित घोटालों की जांच के लिए सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिकायत दी गई है। यह शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता महेश शंकरपल्ली ने की है। उन्होंने घोटालों की गहन छानबीन करने और किसानों को न्याय दिलाने की भी मांग की है। इससे मंत्री सत्तार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दरअसल, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार पर वाशिम जिले में जमीन घोटाला, औरंगाबाद जिले में सिल्लोड महोत्सव के नाम पर पैसे वसूलने, टीईटी परीक्षा घोटाला करने का आरोप लगाया गया है। इन मामलों को विपक्ष ने नागपुर के शीतकालीन सत्र में भी जोरदार तरीके से उठाया था और सभागृह का बायकाट भी किया था। हालांकि जब विपक्ष सभागृह का बायकाट किया था, उस समय अब्दुल सत्तार ने इन मामलों में अपनी सफाई दी थी।
ये है मामला
-सामाजिक कार्यकर्ता महेश शंकरपल्ली के अनुसार उन्होंने सीबीआई और ईडी के पास 200 किसानों की जमीन का सबूत 1400 पन्नों में दिया गया है। इसमें 28 बिंदुओं पर सत्तार की संपत्ति की जांच की भी मांग की है।
– अब्दुल सत्तार जब राजस्व राज्य मंत्री थे, तब उन्होंने गैर कानूनी तरीके से वाशिम जिले में आरक्षित 150 करोड़ रुपये की जमीन एक निजी व्यक्ति को दे दी थी । यह आरक्षित जमीन किसी को न दिए जाने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने भी अब्दुल सत्तार की ओर इस जमीन के आवंटन को गलत बताया है और मामले की अगली सुनवाई जनवरी महीने में ही होने वाली है।
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