अगले साल यानी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भाजपा जुट गई है। खासकर पश्चिम बंगाल से सांसदों की संख्या में और अधिक बढ़ोतरी की जा सके, इसके लिए पार्टी ने अपने केंद्रीय नेतृत्व को एक बार फिर मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। इसी महीने से अगले साल मार्च में होने वाले लोकसभा चुनाव का बिगुल बंगाल में फूंक दिया जाएगा।
प्रदेश भाजपा सूत्र ने बताया है कि इस महीने की 17 तारीख को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल आ रहे हैं। उनकी दो जनसभाएं होंगी। पहली जनसभा दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर और दूसरी जनसभा हुगली के आरामबाग में प्रस्तावित है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहली आम सभा
पार्टी सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए यह जनसभा प्रस्तावित की गई है। मथुरापुर में होने वाली अमित शाह की जनसभा में न केवल दक्षिण 24 परगना बल्कि उत्तर 24 परगना, कोलकाता और हावड़ा से भी बड़ी संख्या में लोगों का जमघट होगा। यहां अमित शाह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पहली जनसभा करेंगे। उसके बाद हुगली में जो जनसभा होगी वहां बर्दवान, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर तथा पुरुलिया आदि क्षेत्रों से भी पार्टी कार्यकर्ता आएंगे। साल की दो जनसभाओं के जरिए बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनाव प्रचार का बिगुल फूंका जाएगा।
मतुआ समुदाय की स्थाई नागरिकता को लेकर घोषणा
खासतौर पर अमित शाह का आगमन पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय की स्थाई नागरिकता को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा के आलोक में देखा जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव से ही राज्य का यह समुदाय स्थाई नागरिकता के लिए ठोस कदम उठाए जाने के इंतजार में है। नागरिकता अधिनियम संसद से पारित होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है। इसे लेकर इस समुदाय में कहीं ना कहीं नाराजगी भी है। केंद्र सरकार अगर चाहे तो अपने दम पर इस अधिनियम को लागू कर मतुआ समुदाय के लोगों को स्थाई नागरिकता दे सकती है लेकिन दी नहीं है जिसे लेकर कई बार सवाल खड़े हुए हैं।
मतुआ समाज का सात लोकसभा सीटों पर वर्चस्व
यहां से भाजपा के सांसद शांतनु ठाकुर ने भी इस पर आपत्ति जताई थी और अमित शाह से मिलकर इस बारे में कदम उठाने की अपील की थी। अब एक बार फिर चुनाव करीब है। मतुआ समुदाय राज्य की कम से कम सात लोकसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है इसलिए उनके हित में क्या कुछ घोषणा होती है यह महत्वपूर्ण बात होगी।
2019 के चुनाव में मिली थी 18 सीटें
भाजपा सूत्रों ने बताया कि पूरे वर्ष मतलब जनवरी 2023 से शुरू कर मार्च 2024 में लोकसभा चुनाव के पहले तक अमित शाह और नरेन्द्र मोदी की कुल 40 जनसभाएं पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित हैं। पूरे देश में प्रत्येक राज्य में इन दोनों शीर्ष नेताओं की कम से कम तीन जनसभा हो सके इस लिहाज से पार्टी ने चुनाव प्रचार अभियान तैयार किया है। इसमें बंगाल को महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर रखा गया है। यहां 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार इस संख्या को बढ़ाने पर खासतौर पर बल दिया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव में नहीं मिली मनचाही सफलता
हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में जबसे पार्टी की करारी शिकस्त हुई, उसके बाद भाजपा जमीनी तौर पर पार्टी नेताओं की टूट की वजह से कमजोर हुई है। उसे देखते हुए 18 लोकसभा सीटों पर जीत बरकरार रखना भी अपने आप में एक बड़ी चुनौती होगी।