महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता अजीत पवार ने एक बयान दिया है कि छत्रपति संभाजी महाराज एक धार्मिक नायक नहीं बल्कि स्वयं राज्य रक्षक भी थे। उनके इस बयान पर नया विवाद खड़ा हो गया है। उसके बाद राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने भी विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर औरंगजेब क्रूर होता तो विष्णु मंदिर को तोड़ देता? एनसीपी नेताओं के इन बयानों के बाद भाजपा विधायक नितेश राणे ने जितेंद्र आव्हाड को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिख है, आव्हाड का ऐसा बयान देना स्वाभाविक है, क्योंकि उनकी आस्था औरंगजेब में है। राणे ने पत्र में कहा कि उनके विचार पहले से ही ऐसे हैं।
राणे के पत्र में है क्या?
विधायक राणे ने पत्र में कहा है कि जितेंद्र आव्हाड का इस तरह का बयान देना उचित नही है। लेकिन उनका यह बयान स्वाभाविक ही है। क्योंकि यह हमेशा साबित हुआ है कि उनकी औरंगजेब में पूरी आस्था है। क्योंकि उन्होंने कभी हमारे हिन्दू स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि पर माथा नहीं टेका और न ही उन्होंने कभी रायगढ़ की ओर पांव रखा।
पत्र में अजित पवार की भी आलोचना
राणे ने इस पत्र में विपक्ष के नेता अजीत पवार पर भी निशाना साधा है। “चाचा और भतीजा दोनों समान हैं। हिंदुत्व के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में उनका कहना है कि वे धर्म नायक नहीं हैं, जबकि औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को धर्मांतरित करने के लिए नारकीय यातनाएं दीं, नायक छत्रपति संभाजी महाराज ने हिंदू धर्म के लिए खुद को बलिदान कर दिया। आपकी जानकारी के लिए, मैं आपको इस पत्र के साथ औरंगजेब द्वारा नध्वस्त किए गए हिंदू मंदिरों की सूची दे रहा हूं।”
औरंगजेब ने इन मंदिरों को तोड़ा था
1) सोमनाथ मंदिर
2) कृष्ण जन्मभूमि मंदिर
(3) काशी विश्वनाथ मंदिर
4) विश्वेश्वर मंदिर
5) गोविंददेव मंदिर
6) विजय मंदिर
7) भीमादेवी मंदिर
8) मदन मोहन मंदिर
9) चौशष्ट योगिनी मंदिर
(10) एलोरो मंदिर
11) त्र्यंबकेश्वर मंदिर
12) नरसिंहपुर मंदिर
13) पंढरपुर मंदिर
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