प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 जनवरी को अपने कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने अपने इस संबोधन में कहा कि 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देखकर देश दुखी हो गया। पीएम ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद बजट सत्र शुरू हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है। इसके आलावा वैक्सीन को लेकर पीएम ने कहा कि मेड इन इंडिया वैक्सीन से भारत का आत्मगौरव बढ़ा है, ये आत्मनिर्भर भारत की पहचान है। इसके आलावा भी उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
Using art and culture to make a positive difference. #MannKiBaat pic.twitter.com/WJhXSdxBNz
— PMO India (@PMOIndia) January 31, 2021
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पेश हैं पीएम की ‘मन की बात’ की खास बातें
- जब मैं मन की बात करता हूं तो ऐसा लगता है कि जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रुप में मौजूद हूं। हमारी छोटी-छोटू बातें, जो एक दूसरे को कुछ सिखा जाए, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव, जो जीने की प्रेरणा दे- बस यही तो है मन की बात।
- संकट के समय भारत दुनिया की सेवा कर रहा है, क्योंकि भारत आज दवाओं और वैक्सीन को लेकर सक्षम तथा आत्मनिर्भर है। यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है। भारत जितना सक्षम होगा, उतनी ही अधिक मानवता की सेवा करेगा, उतने ही अधिक लाभ विश्व को मिलेगा। इससे भी गर्व की बात यह है कि हम सबसे बड़े वैक्सीन प्रोग्राम के साथ दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का वैक्सीनेशन भी कर रहे हैं। कोराना के खिलाफ लड़ाई को करीब एक साल हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी, वैसे ही अब हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी दुनिया में मिसाल बन रहा है।
- दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश देश भी दुखी हुआ। हमें आनेवाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को साबि करना है।
- खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
- राष्ट्रपति जी द्वारा संसद के संयुक्त संबोधन के बाद बजट सत्र भी शुरू हो गया है। इन सभी के बीच एक और कार्य हुआ, जिसका हम सभी को बहुत इंतजार रहता है- पद्म पुरस्कारों की घोषणा। पुरस्कार पानेवाले लोगों में ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है।
- देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के पैतृक निवास से मिली ऐतिहासिक तस्वीरें और पुस्तकें काफी प्रेरणादायी हैं
- पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से मोन शुगु नाम का एक पेपर बनाया जाता है। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है और इससे यहां के आदिवासी भाई-बहनों को रोजगार भी मिलता है।
- पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलनेवाला स्ट्रॉबेरी फेस्टिबल शुरू हुआ। हर किसी को आश्चर्च होता है कि स्ट्रॉबेरी और बुदेंलखंड लेकिन यह सच्चाई है।
- हैदराबाद के बोयिनपल्ली में एक स्थानीय सब्जी मंडी अपने दायित्व को निभा रही है। यहां की सब्जी मंडी ने तय किया है कि बचनेवाली सब्जियों को फेंका नहीं जाएगा और उससे बिजली बनाने की पहल की गई है। ये इनोवेशन की ताकत है।
- भारत से हजारों किलोमीटर दूर ,कई महासागगरों, महाद्वीपो के पार एख देश है, जिसका नाम है चिली। भारत से चिली पहुंचने में बहुत अधिक समय लगता है लेकिन भारतीय संस्कृति की खुशबू वहां बहुत पहले से ही फैली हुई है
- इस महीने क्रिकेट की पिच से भी बहुत अच्छी खबर आई। हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती। हमारे खिलाड़ियों का हार्ड वर्क और टीम वर्क प्रेरित करनेवाला है।