गुजरात में कातिल बन चुके चाइनीज मांझे को लेकर 6 जनवरी को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के शपथ पत्र पर संदेह जताया। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का इस संबंध में दिया गया शपथ पत्र विश्वास दिलाता प्रतीत नहीं हो रहा है। कोर्ट ने नए सिरे से शपथ पत्र दाखिल करने का मुख्य सचिव को आदेश दिया है।
राज्य में पतंग के चाइनीज मांझे से अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है, वहीं कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसके बावजूद राज्य में जगह-जगह चाइनीज, नॉयलोन के मांझे बेचे जा रहे हैं। मामले में याचिका दायर होने पर उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार से जवाब मांगा था। 6 जनवरी को सरकार की ओर से सरकारी वकील एम अंताणी ने जवाब पेश किया।
राज्य सरकार ने दी जानकारी
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में चाइनीज मांझा के संबंध में की गई कार्रवाई संबंधी जानकारी सरकारी वकील एम अंताणी के जरिए दी गई। उन्होंने कोर्ट में बताया कि चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के मामले में गृह विभाग और डीजीपी ने आधिकारिक तौर पर नोटिफिकेशन जारी किया है। प्रतिबंधित मांझा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश संबंधित विभाग को दिया गया है।
उच्च न्यायालय ने मांगी पूरी जानकारी
इस पर हाईकोर्ट ने इसे पर्याप्त नहीं मानते हुए फिर सिलसिलेवार जवाब देने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार ने जवाब पेश नहीं किया। इसकी वजह से मुख्य सचिव को नए सिरे से शपथ पत्र कोर्ट में पेश करने को कहा गया है।
याचिका में क्या हैः
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को अर्जी देकर बताया था कि उत्तरायण के पहले और बाद में चाइनीज मांझे और कांच लगे धागों की वजह से बड़ी संख्या में लोग घायल होते हैं। कुछ लोगों की मांझों की वजह से मौत हो गई। इन लोगों के लिए मुआवजा और मांझे को लेकर कार्रवाई की गुहार लगाई गई थी।
100 टेलर से अधिक चाइनीज मांझे जब्त
याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट की निगरानी बढ़ने पर राज्य में बड़ोदरा, सूरत, अहमदाबाद आदि कई जिलों में पुलिस ने मांझा बेचने वालों पर सख्ती दिखाते हुए 100 टेलर से अधिक चाइनीज मांझे जब्त किए थे। वहीं, चाइनीज मांझा बेचने वालों पर भी पुलिस ने कार्रवाई कर उन्हें हिरासत में लिया। इसके बाद अहमदाबाद में पतंग उड़ाने में चाइनीज मांझा इस्तेमाल करने वाले युवक को भी पुलिस ने पकड़ा है।