बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को लोन फ्रॉड मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की जमानत मंजूर कर दिया है। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई थी। इससे चंदा कोचर और दीपक कोचर की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
सीबीआई ने किया था गिरफ्तार
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई ने लोन फ्रॉड मामले में 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। चंदा कोचर और उनके पति की ओर से वकील विक्रम चौधरी ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और न्यायाधीश पृथ्वी राज चव्हाण की खंडपीठ के समक्ष हुई थी और कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए चंदा कोचर और दीपक कोचर की जमानत मंजूर की और कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप नहीं है।
None of the circumstances were alleged or demonstrated by CBI and hence bail was granted to them: Rohan Dakshini, lawyer of former ICICI CEO Chanda Kochhar and Deepak Kochhar
— ANI (@ANI) January 9, 2023
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क्या है मामला?
चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3 हजार 250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए थे। उस समय चंदा कोचर सीईओ पद पर थीं। लोन मिलने के बाद वीडियोकॉन ग्रुप के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कोचर की कंपनी नूपॉवर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपए का निवेश किया था। इस मामले के चलते चंदा कोचर को बैंक के सीईओ का पद छोड़ना पड़ा था। सीबीआई ने 22 जनवरी, 2019 को चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मामला दर्ज किया था।