केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े कुछ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। पिछले 65 दिनों से अधिक समय से चल रहा उनका यह प्रदर्शन कब खत्म होगा, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। सरकार जहां तीनों कानूनों को वापस लेने से साफ-साफ इनकार कर चुकी है, वहीं भारतीय किसान यूनियन समेत कुछ किसान संगठन किसी भी हालत में बिना अपनी मांगों को मनवाए आंदोलन समाप्त करने को तैयार नहीं हैं। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्र नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कृषि कानूनों को पूरी तरह किसानों के हित में बताया है।
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कृषि मंत्री ने लगातार कई ट्विट कर साधा पवार पर निशाना
तोमर ने ट्विट पर लिखा है, ‘शरद पवार जी वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं। वे कृषि से जुड़े मुद्दों और उनके समाधान से भलीभांति वाकिफ हैं। पूर्व में उन्होंने भी कृषि संबंधी सुधारों को लाने की पुरजोर कोशिश की थी। चूंकि वे इस मुद्दे पर अपने अनुभव और विशेषज्ञता के साथ बात करते रहे हैं, इसलिए कृषि सुधारों पर उनके अज्ञानता और गलत सूचनाओं से परिपूर्ण ट्वीट देखना निराशाजनक लग रहा है।’
कृषि कानूनों को पूरी तरह किसानों के हित में बताया
कृषि मंत्री तोमर ने कृषि कानूनों के तथ्यों को प्रस्तुत कर शरद पवार को आईना दिखाना की कोशिश की, ‘मैं यहां कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूंः
1- नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए एक सुविधाजनक व अतिरिक्त चैनल प्रदान करते हैं। किसान इसके माध्यम से कहीं पर भी, किसी को भी राज्य के भीतर अथवा बाहर, बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकता है। इससे किसान को अपनी उपज के बेहतर और लाभकारी मूल्य प्राप्त होंगे।
2- ये प्रावधान वर्तमान एमएसपी व्यवस्था को किंचित भी प्रभावित नहीं करते हैं।
3- नई व्यवस्था में मंडियां प्रभावित नहीं हो रही हैं। इसके स्थान पर मंडियां अब सेवा और अधोसरंचना के संदर्भ में ज्यादा प्रतिस्पर्धी और किफायती साबित हो सकेंगी और दोनों व्यवस्थाएं किसानों के हित के लिए एक साथ समान रूप से क्रियाशील रहेंगी।
शरद पवार (@PawarSpeaks ) जी वरिष्ठ राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं। वे कृषि से जुड़े मुद्दों और उनके समाधान से भलीभाँति वाकिफ हैं। पूर्व में उन्होंने भी कृषि संबंधी सुधारों को लाने की पुरजोर कोशिश की थी।
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 31, 2021
तोमर ने अंत में लिखाः
‘चूंकि श्री पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, मुझे लगता है कि उनके सामने तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं। अब जब उन्हें सही तथ्यों की जानकारी हो गई है, तो मुझे लगता है कि कृषि सुधारों के प्रति वे अपना रवैया बदलेंगे और किसानों को भी इसके लाभ से अवगत कराएंगे।’
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पवार का आंदोलन कर रहे किसानों को समर्थन
बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन किया था, जिसका नेतृत्व शरद पवार ने किया था। पवार ने कृषि कानूनों को किसानों के हित के खिलाफ बताते हुए दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन जताया था।