एसबीआई ने अपने ग्राहकों को दिया जोर का झटका, लोन लेना हुआ महंगा

एमसीएलआर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ बेस्ट लैंडिग रेट्स का शॉर्ट फॉर्म है। इस दर पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं।

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एसबीआई पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक है। इस बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को जोर का झटका दिया है। एसबीआई ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लैंडिंग रेट्स यानी एमसीएलआर में 10 बैसिस प्वाइंट की वृद्धि की है। बैंक ने एक वर्ष के एमसीएलआर रेट पर यह वृद्धि की है।

एसबीआई के इस कदम से होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की दरें बढ़ गई हैं। इसका अर्थ है कि एमसीएलआर रेट बढ़ने का सीधा प्रभाव ग्राहकों पर पड़ेगा। यह नई दर 15 जनवरी से लागू भी हो गई है।

एमसीएलआर रेट
बैंक ने अपने एक वर्ष के एमसीएलआर रेट को 8.30 पर्सेंट से बढ़ाकर 8.40 पर्सेंट कर दिया है। होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की दरें एक साल के लिए तय की जाती हैं। अभी बैंक का दो वर्ष के लिए एमसीएलआर दर में 8.50 पर्सेट,3 वर्ष का एमसीएलआर रेट 8.60 पर्सेंट, एक महीने का एमसीएलआर रेट 8 पर्सेंट और ओवरनाइट एमसीएलआर रेट 7.85 पर्सेंट हैं।

एमसीएलआर है क्या?
एमसीएलआर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ बेस्ट लैंडिग रेट्स का शॉर्ट फॉर्म है। इस दर पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। दरअस्ल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोन की ब्याज दर तय करने के लिए 2016 में एमसीएलआर की शुरुआत की थी। इसकी दर बढ़ने या घटने से ग्राहकों का ईएमआई बढ़ता है। अगर इसमें वृद्धि होती है तो लोन की दर बढ़ जाएगी। वहीं एमसीएलआर कम होने पर लोन की दर कम होती है।

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