गंगासागरः कोस्ट गार्ड का प्रयत्न और बच गई ‘इतने’ लोगों की जान

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गंगासागर से लौट रहे 511 तीर्थयात्रियों की दो जेटी (नौका) काकद्वीप में फंस गई थी, जिन्हें वापस ले आना जिला प्रशासन के लिए मुश्किल बन गया था। जिला प्रशासन से मदद मांगे जाने पर भारतीय तटरक्षक बल ने इन सभी को सुरक्षित बचा लिया।

कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता संजय भारद्वाज ने 17 जनवरी की शाम इस बारे में जानकारी दी। जिसमें बताया गया है कि यात्रियों के फंसे होने संबंधी जानकारी जिलाधिकारी ने 17 जनवरी की सुबह कोस्ट गार्ड को भेजी थी। एमवी लछमती और एमवी अग्रमती नाम के फेरी जहाज सागर द्वीप में गंगा सागर मेले से लगभग 600 तीर्थयात्रियों को काकद्वीप ले जा रहे थे। सूचना मिलने पर तटरक्षक बल की संचालन टीम हरकत में आई और स्थिति का पता लगाने के बाद बचाव सहायता प्रदान करने के लिए हल्दिया और फ्रेजरगंज से दो एसीवी (होवरक्राफ्ट) को तुरंत रवाना किया गया। मौके पर पहुंचे कोस्ट गार्ड अधिकारियों ने देखा कि वहां काफी लोग जुटे हुए थे, जिसके बाद उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया गया और आश्वस्त किया गया कि आप सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। इसके बाद लोग शांत हुए। इसके बाद एक-एक कर लोगों को निकालना शुरू किया गया और वहां फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।

तटरक्षक विमानों से निगरानी
उल्लेखनीय है कि हर साल की तरह इस साल भी “गंगासागर मेला” के दौरान भारतीय तटरक्षक ने मेले के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न रणनीतिक स्थानों पर समुद्री इकाइयों को तैनात किया था। दो होवरक्राफ्ट ने चौबीसों घंटे सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए समुद्र में लगातार गश्त की। इसके अलावा, तटरक्षक विमानों और जहाजों द्वारा समुद्री निगरानी भी की गई।

“गंगा सागर मेला” शुरू होने के बाद से समुद्र/नदी संगम में पवित्र स्नान के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जेमिनी नाव के साथ गोताखोरों की एक त्वरित जीवन रक्षक टीम को भी मेला स्थल पर तैनात किया गया था। इसके अतिरिक्त तटरक्षक स्टेशन फ्रेज़रगंज के एक अधिकारी की अध्यक्षता में एक भारतीय तटरक्षक दल को राज्य प्रशासन के साथ समन्वय और समुद्र किनारे सुरक्षा और सुरक्षा पहलुओं की निगरानी के लिए सागर द्वीप पर तैनात किया गया था।

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