शिवसेना किसकी? इस तिथि को फैसला आने की उम्मीद

17 जनवरी की सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शिवसेना का जो संविधान है, वो सही है।

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17 जनवरी को चुनाव आयोग ने शिवसेना और धनुष बाण चुनाव चिह्न के स्वामित्व के मुद्दे पर सुनवाई की। इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ठाकरे गुट के लिए बहस की। लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका। अब इस पर अगली सुनवाई श 20 जनवरी को होगी।

वकील सिब्बल ने क्या कहा?
17 जनवरी की सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शिवसेना का जो संविधान है, वो सही है। उन्होंने शिंदे गुट द्वारा प्रस्तुत हलफनामों पर शिनाख्त परेड की मांग की। कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि विधायक और सांसद दल नहीं हैं। शिंदे गुट शिवसेना के संविधान को स्वीकार करता है लेकिन वह इसे तोड़ता है और फिर तर्क देता है कि यह संविधान नहीं है। सिब्बल ने यह भी कहा कि जब तक अयोग्यता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका का समाधान नहीं हो जाता, तब तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। आयोग को बताया गया है कि शिवसेना पार्टी के संविधान में प्रमुख नेता का पद नहीं होता है, पार्टी में अन्य सदस्य चुने जाते हैं, यह पार्टी संविधान के अनुसार चलती है, लेकिन ठाकरे गुट को इस पर 2 घंटे और बहस करनी होगी।

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