आईसीआईसीआई बैंक लोन घोटाला प्रकरण में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने वेणुगोपाल को एक लाख मुचकले पर अंतरिम जमानत दे दी है। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई की पूर्व अध्यक्ष चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत दी थी। सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक को बीते साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था।
वेणुगोपाल ने गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता राजा ठाकरे ने कहा था कि ईडी और सीबीआई की जांच में बड़ा अंतर है। ईडी मनी लांड्रिंग मामले की ही जांच करती है, जबकि सीबीआई जांच में साजिश, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी सहित अन्य मामले शामिल हैं। सीबीआई जांच की तुलना ईडी की जांच से नहीं की जा सकती है।
Bombay HC grants bail to videocon chairman in ICICI loan fraud case
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क्या है मामला?
आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने दिसंबर, 2022 में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। उसके बाद वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत की गिरफ्तारी हुई थी। आरोप है कि चंदा कोचर जब सीईओ पर पर थी उस समय आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3 हजार 250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए थे। जिसके बदले में वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल पर करोड़ों रुपए का निवेश किया था। इस मामले के चलते चंदा कोचर को बैंक के सीईओ का पद छोड़ना पड़ा था।