सरोगेसी कानून के प्रावधानों को चुनौती, सर्वोच्च न्यायालय का केंद्र सरकार को नोटिस! जानिये, पूरा मामला

अविवाहित महिला ने एक याचिका दाखिल कर सरोगेसी कानून, 2021 के उस प्रावधान को चुनौती दी है जिसमें अविवाहित महिलाओं को 'इच्छुक महिला' की परिभाषा के दायरे से बाहर रखा गया है।

205

सर्वोच्च न्यायालय ने अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी का लाभ उठाने से रोकने के लिए सरोगेसी कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। 23 जनवरी को जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह याचिका की कॉपी एएसजी ऐश्वर्या भाटी के कार्यालय को उपलब्ध कराए।

यह भी पढ़ें – अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों को मिली नई पहचान, पीएम मोदी ने इन परमवीर चक्र विजेताओं पर रखें नाम

यह है मामला
दरअसल, अविवाहित महिला ने एक याचिका दाखिल कर सरोगेसी कानून, 2021 के उस प्रावधान को चुनौती दी है जिसमें अविवाहित महिलाओं को ‘इच्छुक महिला’ की परिभाषा के दायरे से बाहर रखा गया है। ऐसा होने से याचिकाकर्ताओं को सरोगेसी के जरिये संतान का विकल्प खत्म हो जाता है। याचिका में कहा गया है कि इस कानून के तहत इच्छुक महिलाओं में भारतीय महिलाएं शामिल हैं, जो 35 से 45 वर्ष की आयु के बीच विधवा या तलाकशुदा हैं और जो सरोगेसी का लाभ उठाने का इरादा रखती हैं। इसके अलावा वह महिला सरोगेसी से संतान चाहने वाले जोड़े से जेनिटक रुप से जुड़ी हुई होनी चाहिए। इन सारे शर्तों के साथ किसी महिला को सरोगेसी के लिए खोजना काफी मुश्किल काम है। याचिका में कहा गया है कि दोनों कानूनों के प्रावधान संविधान की धारा 14 और 21 का उल्लंघन करते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.