कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा। न्यायालय ने प्लाट पर आगजनी मामले में जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। न्यायालय ने रिजवान सोलंकी के अधिवक्ता की दलील को नहीं माना। मामले में अधिवक्ता ने दलील दिया कि यह गंभीर अपराध नहीं है और आरोपित निर्दोष है।
न्यायालय ने सुनवाई के बाद रिजवान सोलंकी की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि यह अत्यंत गंभीर अपराध है। इस मामले में जमानत नहीं दी जा सकती है। सपा विधायक इरफान सोलंकी के भाई अभियुक्त रिजवान सोलंकी फिलहाल जेल में बंद है।
इरफान के साले अख्तर मंसूरी को जमानत
मामले की सुनवाई न्यायाधीश अजय भनौत की कोर्ट में हुई। जबकि इरफान के साले अख्तर मंसूरी को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है। इरफान के साले अख्तर मंसूरी समेत आठ आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट करके जेल भेजा था। एक के बाद एक करके चौथे आरोपी अख्तर मंसूरी को हाईकोर्ट से जमानत मिली है। जबकि महिला का घर फूंकने के मामले में सपा विधायक के भाई रिजवान की जमानत याचिका खारिज कर दी गई।