देश भर में फूलों के व्यापारियों को पुणे के लाल गुलाब खूब भा रहे हैं, क्योंकि यहां के गुलाब की मांग बढ़ रही है। इसके पीछे गुलाब के लिए व्यापारियों का मानना है कि महाराष्ट्र का गुलाब खूबसूरत होने के साथ इसकी पंखुड़ी जल्दी नहीं टूटती है, कई दिनों तक खराब नहीं होता है। इस वजह से कई राज्यों में इसकी मांग अधिक हो रही है। यहां के गुलाब के सामने उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, कर्नाटक का गुलाब भी फीका है।
इस संबंध में फूल उत्पादक क्रय विक्रय सहकारी समिति पुणे के अध्यक्ष जाकिर हुसैन बागवान ने बताया कि फूलों के कारोबार को पिछले 2 वर्ष के कोरोना काल में कमर ही टूट गई थी। अब इस वर्ष शादी ब्याह की सीजन, बसंत पंचमी, राष्ट्रीय पर्व के अलावा विभिन्न आयोजनों में फूलों का कारोबार फला फूला है। हमारे यहां के फूल न केवल पुणे, महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि देश के कई प्रांतों में मांग बढ़ी है। छोटे व्यापारियों और बड़े व्यापारियों के साथ-साथ फूल उत्पादक किसानो को भी अच्छे दाम मिल रहे हैं।
इन प्रदेशों में भारी मांग
उन्होंने बताया कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में जनवरी माह में गुलाब के फूल 20 रुपये किलो में बिका, लेकिन शादियों कि सीजन के चलते कई प्रदेशों में एकाएक मांग बढ़ी और कीमत 40 रुपये तक पहुंच गई। उन्होंने उम्मीद जताई कि वैलेंटाइन डे के दौरान इसका दाम बढ़कर और 50 से 60 हो सकता। वर्तमान में पुणे के फूलों की मांग देशभर में बढ़ गई।
प्रति दिन 25 लाख का व्यापार
पुणे मंडी के व्यापारियों के अनुसार यहां से प्रतिदिन 20 से 25 लाख रुपये के फूलों का व्यापार हो रहा है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में किसानों को फूलों की खेती में घाटा हुआ था। वही अब एक बार फिर फूलों का कारोबार चरम पर है। पुणे के फूल बाजार में प्रतिदिन दो से ढाई हजार टन गेंदे के फूलों की भी आवक हो रही है। यह फूल भी 80 से 100 रुपये प्रति किलो बिकने से फूल उत्पादक किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।