कुछ महीने पहले जुलाई 2022 में शिवसेना पार्टी टूट गई थी और उसके बाद राज्य में शिंदे-फडणवीस की सरकार बनी। उसी दिन से महाविकास आघाड़ी पार्टी में फूट शुरू हो गई और यह अब भी जारी है। मविया में तीनों दलों के नेता कभी भाजपा में तो कभी शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं। अब परभणी और पुणे में एनसीपी को बड़े झटके लगगने के संकेत मिल रहे हैं। क्योंकि परभणी में शरद पवार के करीबी विधायक और पुणे में राकांपा के 12 पार्षद शिंदे गुट में शामिल होने की राह पर हैं।
कुछ दिन पहले परभणी जिले के 40 सरपंच शिंदे गुट में शामिल हो गए। उसके बाद शिंदे गुट के नेता सईद खान ने दावा किया है कि शरद पवार के करीबी विधायक बाबाजानी दुर्रानी शिंदे गुट में शामिल होने की राह पर हैं। इससे परभणी की राजनीति में हलचल मच गई है।
पुणे में राकांपा को लगेगा झटका
दूसरी ओर, यह बात सामने आई है कि एनसीपी के नेता भी शिंदे गुट में शामिल होने को तैयार हैं, जबकि सभी पार्टियां पुणे महानगरपालिका चुनाव की तैयारी कर रही हैं। जानकारी के अनुसार एनसीपी के गढ़ पुणे इंद्रपुर से 12 पूर्व पार्षद शिंदे गुट में शामिल होने वाले हैं। इस तरह के घटनाक्रम से ऐसा लगता है कि आने वाले समय में शिंदे गट की ताकत और बढ़ेगी।