माइनस बीस डिग्री में छत पर उपवास कर रहे सोनम वांगचुक, प्रधानमंत्री से रखी मांग

सोमन वांगचुक लद्दाख के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश में कई परियोजनाएं शुरू की हैं। उनके जीवन पर आधारित 3 इडीयट्स फिल्म भी बन चुकी है।

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प्रसिद्ध इंजीनियर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक अपने स्कूल की छत पर उवास पर बैठे हैं। इस समय वहां का तापमान -20 डिग्री सेंटीग्रेड है। प्रशासन ने सोनम वांगचुक की आवाजाही पर कानून के अंतर्गत रोक लगा दी है, उन्हें भारतीय दंड विधान की धारा 117 के अंतर्गत बॉन्ड भरने को कहा गया है।

सोनम वांगचुक लद्दाख में पर्यावरण सुरक्षा, क्षेत्रीय सुधार की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 6 को कारगर रूप से लागू करने की मांग रखी है। अपनी मांग को प्रशासन के समक्ष उठाने के लिए उन्होंने पांच दिन की भूख हड़ताल का निर्णय किया है। जिसमें उन्हें खारदुंगला पास पर जाना था, लेकिन प्रशासन ने भारतीय दंड विधान की धारा 117 के अंतर्गत बॉन्ड भरने को कहा है और उनकी आवाजाही को नियंत्रित कर दिया है।

लद्दाख में ‘ऑल इज नॉट वेल’
सोनम वांगचुक ने कहा है कि, लद्दाख में सबकुछ ठीक नहीं है। प्रशासन से नाराज सोनम ने भारतीय दंड विधान की धारा 117 के अंतर्गत बॉन्ड को अपने ट्वीटर अकाउंट से साझा किया है, जिसमें उन्होंने पूछा है कि, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन ने उनसे यह बॉन्ड भरने को कहा है वो भी तब जब उपवास और प्रार्थना की जानी है। क्या यह सही है? विश्व के अधिवक्ता इसका उत्तर दें। क्या मैं चुप हो जाऊं? मुझे गिरफ्तार होने में कोई दिक्कत है।

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छत पर बैठे उपवास पर
सोनम वांगचुक को जब खारदुंगला पास नहीं जाने दिया गया तो, वे हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ आल्टरनेटिव लद्दाख की छत पर ही उपवास पर बैठ गए। इस समय उस स्थान का तापमान -20 डिग्री सेल्सियस है। सोनम वांगचुक चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्काल लद्दाख के लोगों की एक बैठक बुलाएं और भूमि, परिस्थिति, संस्कृति और रोजगार को लेकर लद्दाख के लोगों की मांग पर चर्चा करें।

 

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