हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में एक बार फिर मौसम का कहर देखने को मिल रहा है। राज्य के पर्वतीय जिलों में पिछले दो दिनों से बर्फबारी जारी रहने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और शिमला जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण यातायात, बिजली और पेयजल व्यवस्था प्रभावित होने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अंधेरे में डूबे कई गांव
पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ मैदानी भागों में तेज अंधड़ से दो हजार से अधिक ट्रांसफार्मर ठप हो गए जिससे सैंकड़ों गांव अंधेरे में डूब गए हैं। शिमला शहर में 39 जनवरी की रात तूफान ने कहर बरपाया और कई वार्डों में बिजली गुल रही। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में सोमवार सुबह तक राज्य भर में तीन नेशनल हाइवे सहित 481 सड़कों और 2223 बिजली ट्रांसफार्मरों के बंद होने की जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक शिमला जिला में 190, लाहौल-स्पीति में 177, किन्नौर में 72, चम्बा में 14, सिरमौर में छह, कांगड़ा में दो और कुल्लू में एक सड़क बाधित है। शिमला जिला में 610 ट्रांसफार्मर बंद हैं। सिरमौर में 444, मंडी में 327, किन्नौर में 272, कुल्लू में 232, चम्बा में 137, लाहौल-स्पीति में 130 और ऊना जिला में 72 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से इन इलाकों में बिजली गुल है।
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राज्य मुख्यालय से कटा संपर्क
इधर, भारी बर्फबारी से ऊपरी शिमला का राज्य मुख्यालय से संपर्क कट गया है। शिमला को किन्नौर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग-पांच कुफरी और नारकंडा में भारी बर्फबारी से अवरुद्ध है। इसी तरह शिमला-रोहड़ू सड़क खड़ापत्थर और शिमला-चौपाल सड़क खिड़की में बाधित है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक शिमला जिला के कुफरी, खिड़की व ठियोग में छह-छह इंच, नारकंडा व खड़ापत्थर में 12-12 इंच और चांशल में डेढ़ फुट बर्फ गिरी है।