वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 31 जनवरी को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में कहा गया है कि महामारी ने श्रम बाज़ार और रोजगार दोनों को प्रभावित किया था लेकिन शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अब श्रम बाजार पूर्व-कोविड स्थिति से भी आगे निकल आया है। यह आपूर्ति-पक्ष और मांग-पक्ष के रोजगार डेटा में स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में श्रम बाजार पूर्व-कोविड स्तरों से आगे निकल गए हैं, बेरोजगारी दर 2018-19 में 5.8 प्रतिशत से गिरकर 2020-21 में 4.2 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं की ग्रामीण क्षेत्र के श्रम बल भागीदारी बढ़ी है। यह 2018-19 में 19.7 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 27.7 प्रतिशत हो गई है। इस संदर्भ में महिलाओं के लिए मापन कार्य के क्षितिज को व्यापक बनाने की आवश्यकता है।
28.5 करोड़ असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण
सर्वेक्षण के मुताबिक ई-श्रम पोर्टल पर 28.5 करोड़ असंगठित श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। 2020-21 में स्वरोजगार में वृद्धि हुई थी और नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों की हिस्सेदारी में गिरावट आई थी। ईपीएफओ के तहत जोड़े गए शुद्ध औसत मासिक ग्राहक अप्रैल-नवंबर 2021 में 8.8 लाख से बढ़कर अप्रैल-नवंबर 2022 में 13.2 लाख हो गए हैं।