केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया है। इसमें हर आयु वर्ग और समाज के हर तबके के लिए कई नए प्रावधान किए गए हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों और उद्योग जगत की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है। लेकिन विशेषज्ञों ने इस बजट को देश के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होने वाला बताया है।
शहूर चार्टर्ड अकाउंटेंट जयनारायण गुप्ता ने विशेष बातचीत में कहा कि यह विकास को नई गति देने वाला बजट है। वैभवशाली भारत निर्माण का जो सपना हम लोग लगातार देख रहे हैं उसे नया आयाम देने में यह बजट बेहद मददगार साबित होगा। पूरी दुनिया के लिए यह आदर्श उदाहरण है कि एक वैश्विक खिलाड़ी के तौर पर उभर रहे देश का बजट कैसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें लेह लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों को देश के कोने कोने से जोड़ने के लिए रेलवे लाइन का जो प्रावधान है वह सराहनीय है। इससे हमारी सेनाओं को मजबूती मिलेगी और उग्रवाद तथा हिंसक गतिविधियों पर आसानी से लगाम लगाया जाएगा। उन्होंने विशेष तौर पर ग्रामीण आबादी के लिए बजट प्रावधानों की सराहना करते हुए कहा कि भारत हमेशा कृषि प्रधान रहा है। उसमें आज का बजट कृषि के साथ-साथ भारत के समग्र विकास को गति देने वाला है। उन्होंने कहा कि 20 लाख करोड़ ऋण का प्रावधान न केवल ग्रामीण आबादी की खेती बाड़ी बल्कि पशु पालन, मछली पालन, कुटीर उद्योग, स्टार्टअप तथा सूक्ष्म मध्यम और लघु उद्योग के साथ ग्रामीण बाजारों को नई दिशा देने वाला होगा। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 लाख करोड़ का जो प्रावधान किया गया है वह आने वाले वक्त में देश को मजबूत आर्थिक खिलाड़ी के तौर पर उभारेगा।
उन्होंने कहा कि तकनीक का हाथ पकड़कर तेजी से विकसित होती दुनिया में डेटा सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। इसे संबोधित करने के लिए जो इन्फोटेक और डाटा गवर्निंग बॉडी की स्थापना का प्रावधान है वह भविष्य के भारत की तकनीक के क्षेत्र में प्रभावी कदम का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत की मेजबानी में अगले साल होने वाले जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर हरित ऊर्जा, पर्यावरण सुरक्षा के लिए जो प्रावधान हैं वह भी तेजी से विकसित होते भारत के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
इसके अलावा सात लाख तक की छूट वेतन भोगी और मध्यम वर्ग को वित्तीय सुविधाएं देने वाला है। देश के सर्वांगीण विकास के लिए जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) सबसे प्रभावी उपाय रहा है उसे भी मजबूती देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट प्रावधान में आवंटन बढ़ाया है जो सराहनीय है।
इसके अलावा नारी शक्ति के और अधिक सशक्तिकरण के लिए दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना में आवंटन बढ़ाए गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अधिक से अधिक गृह निर्माण के लिए वित्तीय फंड में बढ़ोतरी ग्रामीण भारत की मजबूती के साथ वैश्विक स्तर पर मजबूत भारत के लिए मददगार साबित होगा।
इसी तरह से मशहूर चार्टर अकाउंटेंट नारायण जैन ने भी बजट के कई पहलुओं को सराहा। हालांकि उन्होंने कुछ बिंदुओं को लेकर केंद्र को ध्यान देने का भी सुझाव दिया है। जैन ने कहा कि बजट में वेतन भोगी और मध्यमवर्ग परिवारों के लिए तो कई सारे लुभावने प्रावधान हैं लेकिन करदाताओं को कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर विधेयक में पिछले एक साल में 100 से अधिक बार संशोधन किया गया है। ऐसा सिर्फ इसलिए किया जाता है ताकि आयकर घाटा को संबोधित किया जा सके लेकिन इस बजट में भी करदाताओं की सुविधाओं के लिए कुछ खास पहल नहीं की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो बार-बार व्यापार की सुगमता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) पर बल देते हैं उसे लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण आवंटन नहीं है।
हालांकि उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की सराहना की और कहा कि इससे नए उद्योगों की स्थापना, रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। इसके अलावा लेह लद्दाख को रेलवे मार्ग से जोड़ने के फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे सामरिक मोर्चे पर हमारे सैन्य बलों को बेहद मदद मिलने वाली है। इसके अलावा बुजुर्ग नागरिकों के लिए बैंक जमा पर ब्याज में बढ़ोतरी की भी उन्होंने सराहना की और कहा कि कुल मिलाकर यह बजट देश की अर्थव्यवस्था पर मिलाजुला प्रभाव डालने वाला होगा।
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