चिदंबरम परिवार को झटका, ईडी ने नलिनी के विरुद्ध की कार्रवाई

शारदा समूह ने पश्चिम बंगाल में चिटफंड के माध्यम से निवेशकों से पैसे इकट्ठे किये थे। इस प्रकरण में घोटाला होने के बाद जांच बैठाई गई, जिसकी आंच पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के घर तक पहुंच गई।

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संसद का बजट सत्र चल रहा है, इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम की पत्नी नलिनी के विरुद्ध की गई है। शारदा चिटफंड कंपनी में कंसल्टेंट नलिनी की संपत्तियों को केंद्रीय एजेंसी जप्त किया है।

ईडी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संपत्ति जप्ती कार्रवाई में नलिनी चिबंरम, पूर्व आईपीएस आधिकारी और सीपीएम के पूर्व विधायक देबेंद्रनाथ बिस्वास और असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्त की कंपनियों की 6 करोड़ रुपए की संपत्ती जप्त की गई है। इस प्रकरण में मनी लॉन्डरिंग कानून के अनुसार 3.30 करोड़ रुपए की चल और 3 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जप्त करने का आदेश था। उसी आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई की गई है।

क्या है प्रकरण?
शारदा समूह पर वर्ष 2013 में मनी लॉन्डरिंग का प्रकरण दर्ज किया गया था, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम, देवेंद्रनाथ बिस्वास, अंजन दत्त लाभार्थी हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार शारदा समूह ने चिटफंड के माध्यम से 2,459 करोड़ एकत्रित किये थे। उसमें से 1,983 करोड़ रुपयों का गबन हो चुका है। ईडी ने इस प्रकरण में 600 करोड़ रुपए की संपत्ति अब तक जप्त की है।

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शारदा चिटफंड घोटाला पश्चिम बंगाल की इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। जिसमें 40 हजार करोड़ रुपए एकत्रित किये गए थे। यह पैसे चिटफंड के माध्यम से एकत्रित किये गए थे। शारदा समूह की स्थापना 2008 में हुई थी। यह समूह वर्ष 2013 में बंद हो गया, जिसमें आरोप है कि, शारदा समूह ने 17 लाख निवेशकों के पैसे वापस नहीं किये। इन निवेशकों से पैसे लेते समय शारदा चिटफंड कंपनी ने प्रस्ताव दिया था कि, उनके पैसे 34 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ लौटाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।

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