6 फरवरी तुर्की की तबाही का दिन है। यहां सुबह 6 बजे से भूकंप के तेज झटके शुरू हो गए और दिन भर जारी रहे। इस देश को 39 भूकंप के झटके झेलने पड़े। यह इतनी बड़ी आपदा थी कि 1 हजार 700 लोग मारे गए हैं। तुर्की में भूकंप का पहला झटका तड़के 4:17 बजे महसूस किया गया। उसके बाद दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर एक और झटका लगा।
18 किमी तक महसूस किए गए झटके
एक बड़े भूकंप के बाद, छोटे भूकंपों की एक श्रृंखला शुरू हो गई। पहला भूकंप तुर्की में 7.8 की तीव्रता और 18 किमी की गहराई के साथ आया। इसके चलते भारी जनहानि हुई। सीरिया देश भी गजियांटेप के उपरिकेंद्र के करीब है। लिहाजा इस भूकंप की तीव्रता तुर्की और सीरिया में महसूस की गई।
राहत कार्य जारी
तुर्की में भूकंप के झटकों के बाद बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू हो गया है। भूकंप के मद्देनजर, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने एक आपातकालीन बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों को हर संभव सहायता देने का आदेश दिया। कई देश आपदा से जूझ रहे तुर्की की मदद कर रहे हैं। इन देशों में भारत भी शामिल है। भूकंप के दौरान तुर्की के कई हिस्सों में तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। इस समय देश कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। भूकंप के कारण यहां एयरपोर्ट का रनवे क्षतिग्रस्त हो गया है। बर्फबारी से बचाव कार्यों में भी परेशानी हो रही है।