हल्द्वानी के लोगों के लिए राहत भरी खबर, इस तारीख तक नहीं हटाई जाएंगी झुग्गियां

पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया था।

139

सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे लाइन पर 4 हजार झुग्गियों को हटाने के उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक दो मई तक बढ़ा दी है। न्यायाधीश संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। मंगलवार को एएसजी ने कोर्ट को बताया कि इसका समाधान निकालने में समय लगेगा। उन्होंने कोर्ट से इस मसले का व्यावहारिक हल निकालने के लिए समय देने की मांग की। उसके बाद कोर्ट ने दो मई तक हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक को बढ़ाने का आदेश दिया।

हाईकोर्ट के आदेश में सुको ने लगा दी थी रोक
पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पचास हजार लोगों को सात दिनों के अंदर हटाना संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि इस मामले में कुछ लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है। कोर्ट ने कहा था कि इसमें एक मानवीय पहलू शामिल है। किसी को इस स्थिति और समस्याओं का मूल्यांकन करना चाहिए। आप यह सुनिश्चित कीजिए कि वहां आगे से कोई अतिक्रमण न हो।

ये भी पढ़ें- यात्रियों से भरी बस हुई हादसे का शिकार, मच गई चीख पुकार

अवैध खनन से शुरू हुआ था मामला
जस्टिस कौल ने कहा है कि हमें इस मामले को सुलझाने के लिए व्यावहारिक रुख अपनाना होगा। रेलवे की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि यह रातों रात नहीं किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन हुआ है। यह मामला अवैध खनन से शुरू हुआ था। याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा था कि भूमि का बड़ा हिस्सा राज्य सरकार का है। रेलवे के पास भूमि कम है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि जिन लोगों ने नीलामी में जमीन खरीदी है उसे आप कैसे डील करेंगे। लोग 50-60 साल से रह रहे हैं, कोई तो पुनर्वास की योजना होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आप विकास के लिए हटा रहे हैं। आप सिर्फ अतिक्रमण हटा रहे हैं। तब रेलवे ने कहा कि ये रातों रात नहीं हुआ है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.