सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के महापौर का चुनाव जल्द कराने की मांग वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त और प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
ये हैं पांच मांगें
आठ फरवरी बुधवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नियुक्त प्रोटेम स्पीकर सत्य शर्मा सीनियर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पांच मांगे हैं। पहला कि सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी के पद से हटाया जाए। दूसरा कि एक हफ्ते के अंदर एमसीडी का सदन बुलाया जाए। तीसरा कि मेयर चुनाव पूरा होने तक सदन का कोई स्थगन न हो। चौथा कि डिप्टी मेयर और अन्य सदस्यों के चुनाव मेयर की अध्यक्षता में ही कराया जाए। पांचवां कि नामिनेटेड पार्षदों को वोट देने का अधिकार न दिया जाए।
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इसे बताया लोकतंत्र की हत्या
आम आदमी पार्टी (आप) ने सुप्रीम कोर्ट के सामने जल्द से जल्द चुनाव कराने वाली याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि प्रोटेम स्पीकर महापौर के चुनाव में नामिनेटेड सदस्यों से भी वोटिंग करा रहे हैं। चुनाव के दो महीने बीत गए हैं और अभी तक महापौर का चुनाव नहीं हुआ है। ये लोकतंत्र की हत्या है। एमसीडी के महापौर के चुनाव के लिए तीसरी बार छह फरवरी को बैठक बुलाई गई थी, लेकिन चुनाव नहीं हो सका। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।