झारखंड के कुख्यात नक्सली ने बिहार में किया आत्मसमर्पण! ‘इतने’ लाख का था इनाम

प्रेम भुइयां भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी का सदस्य है। पुलिस को लंबे अरसे से इसकी तलाश थी।

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झारखंड-बिहार के मोस्ट वांटेड नक्सली भाकपा माओवादी के अभ्यास भुईयां उर्फ प्रेम भैया ने 9 फरवरी को गया पुलिस प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उसके ऊपर झारखंड सरकार ने 15 लाख का इनाम घोषित किया था। बिहार सरकार ने उसके ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

प्रेम भुइयां भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी का सदस्य है। पुलिस को लंबे अरसे से इसकी तलाश थी। नक्सली ने शहर के रामपुर थाना क्षेत्र स्थित सीआरपीएफ 159 बटालियन के प्रांगण में सीआरपीएफ के कमांडेंट कुमार मयंक एवं गया के एसएसपी आशीष भारती के समक्ष आत्मसमर्पण किया। नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में आने पर अधिकारियों ने प्रेम भुईंया का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

आत्मसमर्पण के साथ हथियार भी सौंपे
इस संबंध में गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि बिहार पुलिस, सशस्त्र सीमा बल, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के दबाव में कुख्यात नक्सली प्रेम भुइयां ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण के दौरान प्रेम भुइयां ने एक रायफल और 925 जिंदा कारतूस भी समर्पित किया है।

मुख्यधारा में लाने की कोशिश
एसपी ने बताया कि लगातार नक्सलियों के गढ़ में सिविक एक्शन प्लान के तहत नक्सलियों के परिजनों को मुख्यधारा में जोड़ने की निरंतर कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने के बाद उसे सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा।

चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र का रहिवासी
उल्लेखनीय है कि प्रेम भुइयां झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। वर्ष 2003 में ही वह नक्सली संगठन से जुड़ गया था। वर्ष 2015 में उसे रीजनल कमांडर बनाया गया। वह बिहार-झारखंड में दर्जनों लूट और हत्या जैसे कांडों को अंजाम दे चुका है। कुछ दिन पहले वह सीआरपीएफ जिला पुलिस के संपर्क में आया और उसने आत्मसमर्पण करने की बात कही थी। सिर्फ बिहार के गया और औरंगाबाद जिले में उसके ऊपर 21 मामले दर्ज हैं।

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