भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसरो ने 10 फरवरी शुक्रवार की सुबह श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट (एसएसएलवी-डी 2) को अंतरिक्ष में लांच कर दिया। एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी। इनमें अमेरिकी कंपनी अंतारिस का सैटेलाइट जेएएनयूएस-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट आजादी सेट-2 और इसरो का सैटेलाइट ईओएस-07 शामिल हैं।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने दी टीमों को बधाई
एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इस उपलब्धि पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने टीमों को बधाई देते हुए कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान दिक्कतें आईं, जिसके बाद हमने उनका विश्लेषण किया। उसके अनुसार ही जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लांचिंग सफल रहे।
ये है खास
1. इसरो के अनुसार, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लांच करने में काम में लाया जाता है।
2. यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लांच की सुविधा देता है।
3. एसएसएलवी रॉकेट 34 मीटर लंबा और एसएसएलवी रॉकेट का व्यास दो मीटर है। यह रॉकेट कुल 120 टन के भार के साथ उड़ान भर सकता है।
4. इस रॉकेट को तीन ठोस प्रणोदन चरणों और एक वेअ टर्मिनल मॉड्यूल के साथ विन्यास किया गया है।
SSLV-D2/EOS-07 Mission: launch is scheduled for Feb 10, 2023, at 09:18 hrs IST from Sriharikota
Intended to inject EOS-07, Janus-1 & AzaadiSAT-2 satellites into a 450 km circular orbit
Vehicle ready at the launch pad undergoing final phase checks https://t.co/D8lncJqZjc
— ISRO (@isro) February 8, 2023
इसरो ने आठ फरवरी को ट्वीट किया था कि एसएसएलवी-डी-2/ईओएस-07 मिशन को 10 फरवरी, 2023 को लांच किया जाएगा। इससे पहले इसरों ने एसएसएलवी का पहला परीक्षण नौ अगस्त को किया गया था, जो विफल रहा।
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