समधी को संभालेंगे समधी भाई, हिंडनबर्ग के विरुद्ध अडानी छेड़ेंगे आरपार की लड़ाई

गौतम अडानी को अमेरिकी रिसर्च फर्म ने जो झटका दिया है, उससे एक प्रश्न खड़ा हुआ है कि, आखिर जिस समूह पर वैश्विक विश्वास हो वह इतना खोखला कैसे हो सकता है? यदि ऐसा नहीं तो इसके पीछे क्या कोई सुनियोजित षड्यंत्र है?

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विश्व के दूसरे नंबर के धनाढ्य गौतम अडानी को हिंडनबर्ग रिसर्च नामक एक संस्था की रिपोर्ट ने औंधे मुंह गिरा दिया। इसके बाद अडानी की कंपनियों के शेयर्स पर इसका इतना प्रतिकूल प्रभाव पड़ा कि, अडानी विश्व के शीर्ष दस उद्योगपतियों की सूची से भी बाहर हो गए हैं। अब सूचनाएं मिल रही हैं कि, अडानी हिंडनबर्ग रिसर्च के विरुद्ध लड़ाई लड़ने जा रहे हैं, इसके लिए उन्होंने अमेरिकी अधिवक्ताओं के दल की सेवाएं ले ली हैं। इसमें गौतम अडानी के समधी बड़ी सहायता कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार हिंडनबर्ग रिसर्च को गौतम अडानी न्यायालय में खींचने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका की एक महंगी लॉ फर्म की सेवाएं ली हैं। जिसमें वाचटेल, लिप्टन, रोसेन और काट्ज के अनुभवी अधिवक्ताओं को रखा गया है। बता दें कि, शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट सार्वजनिक की थी, जिसमें अडानी समूह पर अकाउटिंग फ्रॉड, स्टॉक मैनीपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद से अडानी समूह ने बाजार में 100 बीलियन डॉलर से अधिक की हानि उठाई है।

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समधी आए मदद में…
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वाचटेल के पास सिरिल अमरचंद मंगलदास नामक फर्म गई थी। यह फर्म अडानी समूह को कानूनी सहायता देती है। सिरिल अमरचंद मंगलदास नामक फर्म सिरिल श्रॉफ की है, जिनकी पुत्री गौतम अडानी के पुत्र से ब्याही हैं। वाचटेल अडानी के लिए क्राइसिस प्रबंधन फर्म से भी सहायता ले रही है। वाचटेल के बारे में कहा जाता है कि, इसकी सेवाएं बहुत ही महंगी हैं, लेकिन कंपनियों पर होनेवाले बाहरी हमलों को रोकने के लिए यह कानूनी सहायता, उसकी रोकथाम और जनसंपर्क का कार्य करने में निपुणता प्राप्त है।

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