करदाताओं ने सरकार की झोली में इतने पैसे डाल दिए कि एक नया रिकॉर्ड ही बन गया। देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 में 10 फरवरी तक 15.67 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के सकल संग्रह से 24.09 प्रतिशत अधिक है।
पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा 24.09 प्रतिशत अधिक
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि चालू वित्त वर्ष में 10 फरवरी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.67 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष (2021-22) के मुकाबले 24.09 प्रतिशत ज्यादा है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में आयकर रिफंड को हटाने के बाद उसका संग्रह 12.98 लाख करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के शुद्ध संग्रह से 18.40 प्रतिशत अधिक है।
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दरअसल, ये केंद्र सरकार के पिछले बजट के कर संग्रह अनुमान का 91.39 प्रतिशत है। डायरेक्ट टैक्स के संशोधित अनुमान का ये 78.65 प्रतिशत है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कॉरपोरेट आय कर की वृद्धि इस साल 19.33 प्रतिशत रही है, जबकि आम आदमी के जरिए भरे जाने वाले आयकर में 29.63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिफंड के बाद कॉरपोरेट कर संग्रह की वृद्धि 15.84 प्रतिशत रही है, जबकि आम आदमी के कर संग्रह की वृद्धि दर 21.93 प्रतिशत रही है।
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