भूकंप प्रभावित तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मची तबाही में मददगारों देशों में भारत सबसे आगे है। वह पुरानी बातों को भूलकर अपनी दोस्ती का फर्ज निभा रहा है।
भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत 11 फरवरी की देर शाम 7वां विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से रवाना किया। वायु सेना के इस विमान में राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, चिकित्सा उपकरण और उपभोग्य वस्तुएं हैं। इससे पहले भी भारत ने विशेष विमानों से दोनों देशों के लिए आर्मी फील्ड अस्पताल से 89 सदस्यीय सेना की मेडिकल टीम भेजी है। एनडीआरएफ की टीमें तुर्किये में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं।
भेजी गई राहत सामग्री
भूकंप प्रभावित सीरिया और तुर्किये के लिए 11 फरवरी को वायु सेना के सी-17 परिवहन विमान से राहत सामग्री और उपकरण भेजे गए। इस उड़ान में राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, चिकित्सा उपकरण और उपभोग्य वस्तुएं हैं। वायु सेना का यह विमान पहले दमिश्क जाकर वहां राहत सामग्री उतारने के बाद अदाना के लिए उड़ान भरेगा। इस उड़ान में 35 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी गई है, जिसमें से 23 टन से अधिक राहत सामग्री सीरिया के लिए और लगभग 12 टन तुर्किये के लिए है।
भेजे गए स्लीपिंग मैट, जेनसेट, सोलर लैंप
सरकार के बयान में बताया गया है कि सीरिया के लिए भेजी जा रही सहायता में स्लीपिंग मैट, जेनसेट, सोलर लैंप, तिरपाल, कंबल, आपातकालीन और महत्वपूर्ण देखभाल दवाएं, और आपदा राहत सामग्री जैसी राहत सामग्री शामिल है। तुर्किये के लिए जाने वाली सामग्री में आर्मी फील्ड अस्पताल और एनडीआरएफ के लिए टीम की आपूर्ति, ईसीजी जैसे चिकित्सा उपकरण, रोगी मॉनिटर, एनेस्थीसिया मशीन, सिरिंज पंप, ग्लूकोमीटर, आदि, कंबल और अन्य राहत सामग्री शामिल हैं।
एक भारतीय का शव मिला
तुर्किये में विनाशकारी भूकंप से हुई तबाही के मलबे में 11 फरवरी को एक भारतीय नागरिक का शव मिला है। मृतक की पहचान उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले विजय कुमार के रूप में हुई है। वह बीते माह अपने व्यवसाय के सिलसिले में तुर्किये गए थे, लेकिन बीते 6 फरवरी से लापता थे। तुर्किये में स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को पुष्टि की है कि 6 फरवरी को भूकंप के बाद से तुर्किये में लापता भारतीय नागरिक विजय कुमार के शव के कुछ हिस्से मिल गए हैं। उनका शव तुर्किये के मलत्या में एक होटल के मलबे के बीच से निकाला गया। उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने के लिए इंतजाम किये जा रहे हैं।
पहचानना था मुश्किल
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विजय का चेहरा पहचानना मुश्किल था, क्योंकि उनका चेहरा पूरी तरह से कुचल गया था। उनके एक हाथ पर ‘ओम’ शब्द का टैटू था, जिससे उनकी पहचान हो पाई है। विजय कुमार के रिश्तेदार गौरव काला ने बताया कि हमें कल सूचना मिली कि उसका सामान और पासपोर्ट मिल गया है, लेकिन वहां कोई शव नहीं है। हम उसकी सलामती की उम्मीद कर रहे थे कि आज दोपहर में दूतावास से फोन आया। वे पहचान के लिए पुष्टि चाहते थे, इसलिए हमने उन्हें बाएं हाथ पर एक निशान के बारे में बताया। वह बेंगलुरु में एक कंपनी में काम करता था। वह 22 जनवरी को तुर्किये गया था और वह 20 फरवरी को लौटने वाला था। लगभग एक महीने पहले उनके पिता का निधन हो गया था और अब यह हुआ है।
10 भारतीयों के फंसे होने की जानकारी
इससे पहले 8 फरवरी को विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बताया था कि भूकंप आने के बाद तुर्किये के दूरदराज के हिस्सों में 10 भारतीय फंसे थे, लेकिन एक नागरिक के लापता होने की जानकारी दी थी। भूकंप से तबाह हो चुके यूरोप के पास बसे पश्चिम एशिया के दो देश तुर्किये और सीरिया में छह दिन से मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही है। इन देशों में भूकंप के बाद से मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस आपदा में अब तक 25 हजार से अधिक लोगों की जान गई है। तुर्किये में 19 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। बाकी लोग सीरिया के हैं।