हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चुप्पी क्यों?

पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि यदि ऐसे ही लोग अत्याचार सहेंगे तो वह दिन दूर नहीं, जब पश्चिम बंगाल के हिंदुओं पर बांग्लादेश के हिंदुओं जैसे अत्याचार होंगे।

165

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे जिहादी आक्रमण विषय पर विशेष ऑनलाइन संवाद का आयोजन किया गया। इस संवाद में पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय, लेखक सतीश देशपांडे सहित कई गणमान्यों ने हिस्सा लिया। इस दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर लोगों ने अपनी राय रखी।

हिंदुओं को करना होगा जागृत
इस अवसर पर त्रिपुरा एवं मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर निरंतर हो रहे अत्याचारों के विषय में पूरे विश्व से कोई नहीं बोलता। जिनके पूर्वज आज के बांग्लादेश के हिंदू थे, ऐसे पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिंदुओं पर वामपंथी विचारधारा का प्रभाव होने से वे भी बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की उपेक्षा कर रहे हैं।
पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा कि यदि ऐसे ही लोग अत्याचार सहेंगे तो वह दिन दूर नहीं, जब पश्चिम बंगाल के हिंदुओं पर बांग्लादेश के हिंदुओं जैसे अत्याचार होंगे। सरकार को वहां के हिंदुओं पर हो रहे आक्रमण रोकने के लिए आगे आना होगा, साथ ही बंगाल एवं भारत के अन्य क्षेत्रों में हिंदुओं पर आक्रमण न हों, इसके लिए हिंदुओं को जागृत करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- आज भारत दुनिया को दिखा रहा रास्ता : केंद्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने देश की विश्व में बढ़ती छाप पर कही यह बात

बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए हमने क्या किया?
इस दौरान इतिहास एवं संस्कृति के अध्येता तथा लेखक सतीश देशपांडे ने कहा कि बांग्लादेश वर्ष 1971 में स्वतंत्र हुआ, परंतु हमने वहां के हिंदुओं के लिए क्या किया? कुछ ही दिन पूर्व बांग्लादेश में हिंदुओं के 14 मंदिर तोड़े गए। हिंदुओं के जागृत न होने से उस विषय में आवाज नहीं उठाई जाती है। अब हिन्दू के हित के लिए कोई दूसरा कार्य करेगा, इस पर निर्भर न रहते हुए हिंदुओं में जागृति लाने के लिए गांव-गांव तथा नगर-नगर में आंदोलन चलाए जाने चाहिए। जब हिंदु जागृत होंगे तो बांग्लादेश अथवा कहीं पर भी हिंदुओं पर अत्याचार होने पर कार्रवाई करने के लिए सरकार पर दबाव बनेगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.