राष्ट्रीय अविरल कवि सम्मेलन में कवियों ने रचनाओं से लूटी महफिल

आईपीसी की ओर से हर साल रामलीला का आयोजन किया जाता है। रामलीला के समापन के अवसर पर कवि सम्मेलन कराया जाता है।

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आज के दौर में सबसे मुश्किल काम है लोगों को हंसाना, लेकिन जब कवि सम्मेलन का आयोजन हो तो ठहाका लगना लाजमी है। ऐसा ही कुछ कुछ नजारा दिवा में देखने को मिला। यहां के साबे गांव में वैभव ढाबा के पीछे स्थित मैदान में आईपीसी की ओर से राष्ट्रीय अविरल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जहां हास्य कवियों ने लोगों को खूब गुदगुदाया। यह कार्यक्रम बिल्डर अनवर नूरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

खूब लगे ठहाके
दरअसल, आईपीसी की ओर से हर साल रामलीला का आयोजन किया जाता है। रामलीला के समापन के अवसर पर कवि सम्मेलन कराया जाता है। आईपीसी का यह 11वां कवि सम्मेलन है। जहां कवियों ने हास्य कविताएं पढ़कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। वहीं, वीर रस के कवियों ने देश के वीरों पर आधारित कविताओं से लोगों में उत्साह भर दिया। श्रृंगार रस के कवियों ने प्रेम की कविताएं सुनाकर लोगों को भाव-विभोर कर दिया। कवियों का स्वागत पत्रकार अजीत त्रिवेदी के साथ अन्य गणमान्यों ने किया।

रचनाएं सुन श्रोता हुए भाव-विभोर
कवि सम्मेलन में अन्नपूर्णा गुप्ता सरगम, बिट्टू जैन सना, सीमा त्रिवेदी, नंदिता माजी शर्मा, सत्यभामा सिंह, सुदर्शन कुमार आकाश, रवि भोसले, कलीम शेख, सूर्यजीत मौर्या, राम मिलन विश्वकर्मा ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता निलेश वारेकर, वहीं अतिथि के रूप में स्थानीय समाजसेवक सचिन चौबे उपस्थित थे।

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इनका रहा महत्वपूर्ण योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. परमिंदर पाण्डेय, बृजेश मिश्र, संस्था के महासचिव कृष्णा पाण्डेय, पत्रकार विनीत तिवारी, पालघर उपाध्यक्ष बृजेश पाण्डेय, मुंबई अध्यक्षा सारु बेन, समाजसेवी कृष्णचंद्र पाठक और सुशील पाण्डेय ने अहम भूमिका निभाई।

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