राम सेतु घोषित होगा राष्ट्रीय धरोहर! सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई

राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिका बहुत लंबे काल से सुनवाई के लिए लंबित है। इस प्रकरण में यूपीए-1 के कार्यकाल में एक योजना बनी थी, जिसमें समुद्री जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए सेतु समुद्रम परियोजना के अंतर्गत कार्य किया जाना था। इससे राम सेतु को क्षति होने का खतरा भी व्यक्त किया गया था।

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राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिका पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने सहमति दे दी है। यह याचिका भाजपा की पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की है। इस प्रकरण को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए अब सर्वोच्च न्यायालय ने सहमति दे दी है।

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा के समक्ष भाजपा नेता ने अपना पक्ष रखा कि, अभी तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है और इसलिए, जनहित याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।

राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिका पर इसके पहले 19 जनवरी को सुनवाई हुई थी, उसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय को सूचित किया था कि, राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने पर केंद्र सरकार विचार कर रहा है। उस समय न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा था और याचिका कर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को असंतुष्ट होने और इस मुद्दे पर अपने अंतरिम आवेदन का निपटारा करने पर फिर से पेश होने की स्वतंत्रता दी थी।

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न्यायालय ने यह भी कहा था कि, सॉलिसिटर जनरल ने बताया है कि, वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय में एक प्रक्रिया चल रही है। इसलिए याचिकाकर्ता (स्वामी) चाहतें है तो इस संबंध में अतिरिक्त संवाद कर सकते हैं।

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