स्वातंत्र्यवीर सावरकर के 57वें आत्मार्पण दिन पर तीन दिवसीय कार्यक्रम, दिखेगी स्वतंत्रता महापर्व की गाथा

स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित था। उनके जीवन में आयु का जब वह काल आया कि, उन्होंने अपने आपको राष्ट्र कार्यों के प्रति कमजोर महसूस करना प्रारंभ किया तो उन्होंने आत्मार्पण का निश्चय किया। वीर सावरकर का पूर्ण जीवन भारतीय स्वतंत्रता महापर्व की महागाथा है। जो आगामी पीढ़ियों को शूरता, वीरता और राष्ट्रभक्ति की शिक्षा देता है।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक द्वारा 26 फरवरी को वीर सावरकर के आत्मार्पण दिन के उपल्क्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम 24 फरवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य स्वातंत्र्यवीर सावरकर के राष्ट्रकार्यों को नई पीढ़ी के समक्ष विभिन्न माध्यमों से प्रस्तुत करना है।

कार्यक्रम की रूपरेखा
दिनांक 24 फरवरी को सबेरे 11 बजे स्वातंत्र्यवीर सावरकर के जीवन पर आधारित ‘अनबिलिवेबल सावरकर’ नामक चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ होगा। इन चित्रों को योगेंद्र .आर. पाटील ने बनाया है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन स्वातंत्र्यवीर सावरकर की नातिन असिलता सावरकर-राजे के हाथों होगा। इसमें प्रमुख अतिथि स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष व आईपीएस अधिकारी प्रवीण दीक्षित, कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर हैं जबकि, जे.जे कला महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.गजानन शेपाल, ललित कला केंद्र के प्राचार्य राजेंद्र महाजन, पाचोरा के श्रेयस मेडिकल फाऊंडेशन के अध्यक्ष डॉ.चंद्रकांत पाटील, अंजली गवली भी उपस्थित रहेंगे।

दिनांक 25 फरवरी को स्वातंत्र्यवीर सावरकर द्वारा रचित ‘माझी जन्मठेप’ नामक ग्रंथ का नाट्याविष्कार प्रस्तुत किया जाएगा। सायंकाल 6 बजे इसका अभिवाचन स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सभागृह में संपन्न होगा। माझी जन्मठेप नामक ग्रंथ का यह पहला ही नाट्याविष्कार है, जिसकी संकल्पना अनंत वसंत पणशीकर और दिग्दर्शन डॉ.अनिल बांदिवडेकर का है। संकलन अलका गोडबोले, शब्दोच्चार मार्गदर्शन सुहास सावरकर, संगीत मयुरेश माडगावकर और प्रकाश संयोजन श्याम चव्हाण का है। इस अभिवाचन को अभिजीत धोत्रे, अमृता कुलकर्णी, नवसाजी कुडव, जान्हवी दरेकर, शंतनू अंबाडेकर, मुग्धा गाडगील- बोपर्डीकर, कुंतक गायधनी नामक कलाकार प्रस्तुत करेंगे। नाट्यसंपदा कलामंच द्वारा निर्मित यह कार्यक्रम स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सहकार्य से प्रस्तुत होगा।

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दिनांक 26 फरवरी को स्वातंत्र्यवीर सावरकर का 57वां आत्मार्पण दिन है। इस दिन स्वातंत्र्यवीर सावरकर के साहित्य और कार्यों पर आधारित दृकश्राव्य संगीतमय कार्यक्रम ‘शतजन्म शोधताना’ का सायंकाल 6 बजे प्रदर्शन होगा। यह कार्यक्रम स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सभागृह में होगा। यह कार्यक्रम स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक और महाराष्ट्र मिलिट्री स्कूल की संयुक्त निर्मिती है। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति कला मंदिर ने किया है।

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