दल गया, चिन्ह गया और अब ठाकरे गुट को लगेगा ’56’ का झटका?

शिवसेना किसकी इस पर निर्णय हो गया है। लेकिन इससे संबंधिक अन्य आठ प्रकरणों पर निर्णय अभी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।

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शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह प्राप्ति के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी ने सोमवार को बड़ा कदम उठाया है। विधान सभा में शिवसेना को दिये गए पार्टी कार्यालय में विधिवत प्रवेश किया। इसके बाद एक प्रेस वार्ता में विधायकों ने बताया कि अब अगला कदम 56 विधायकों को पार्टी कार्यालय में एकत्रित होने के लिए व्हिप जारी किया जाएगा। यह यदि होता है तो उद्धव ठाकरे को 56 झटका माना जाएगा।

वैसे, शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसद उद्धव ठाकरे से अलग एकनाथ शिंदे के गुट में सम्मिलित हो गए। उस झटके से ठाकरे गुट उबर भी नहीं पाया था कि, बड़ा झटका केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्णय से झेलना पड़ा। जिसमें शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह दोनों ही एकनाथ शिंदे गुट के पास चला गया। इसके बाद विधान सभा में शिवसेना के कार्यालय में एकनाथ शिंदे के साथ के विधायक प्रताप सरनाई, मुख्य प्रतोद भरत गोगावले समेत अधिकांश विधायकों ने प्रवेश किया और वहां बैठक की।

सभी कार्यालयों पर शिवसेना का अधिकार
शिवसेना विधायक संजय सिरसाट ने कहा है कि, विधान सभा में शिवसेना कार्यालय में प्रवेश के बाद और सभी शासकीय कार्यालयों में उनके कार्यकर्ता प्रवेश करेंगे। इसमें मुंबई मनपा समेत कई अन्य कार्यालय हैं। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि, शिवसेना भवन पर वे कोई दवा नहीं करेंगे।

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शिवसेना का व्हिप ठाकरे-शिंदे सब पर होगा लागू
शिवसेना के मुख्य प्रतोद भरत गोगावले ने कहा कि, जब आवश्यकता होगी संपूर्ण कानूनी प्रक्रियाओं के पालन के साथ व्हिप जारी किया जाएगा। जो ठाकरे-शिंदे सभी पर लागू होगा। जो उसका उल्लंघन करेगा, उस पर नियमों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि, शिवसेना के कुल 57 विधायक थे और वर्तमान में 56 हैं। शिवसेना के अधिकार एकनाथ शिंदे गुट के पास जाने के बाद अब इन विधायकों के लिए मुख्य प्रतोद भरत गोगावले का व्हिप या आदेश बंधनकारकर रहेगा।

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