देश के जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से 34.71 करोड़ से अधिक जन औषधि सुविधा सेनेटरी पैड बेचे जा चुके हैं। इससे कुल 218.45 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
20 फरवरी को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा कि महिलाओं के लिए ‘स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुविधा’ सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। एक रुपये प्रति पैड की दर से 34.71 करोड़ से अधिक जन औषधि सुविधा सेनेटरी पैड बेचे गए। इससे कुल 218.45 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
बेचे गए 34.71 करोड़ से अधिक सेनेटरी नैपकिन
उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर 4 जून, 2018 को केन्द्र सरकार ने महिलाओं के लिए “जन औषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन” लॉन्च करने की घोषणा की थी। तब से लेकर फरवरी 2023 तक जनऔषधि केन्द्रों के माध्यम से 34.71 करोड़ से अधिक सेनेटरी नैपकिन बेचे जा चुके हैं। मासिक धर्म और इससे जुड़ी प्रथाओं को अभी भी कई तरह के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक उपेक्षाओं का सामना करना पड़ता है, जो मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई और स्वास्थ्य देखभाल के रास्ते में बड़ी अड़चनें पैदा करते हैं। देश के कई हिस्सों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों और महिलाओं की सैनिटरी उत्पादों तक पहुंच नहीं है या वे इनका विकल्प नहीं चुन पातीं क्योंकि बाजार में उपलब्ध ज्यादातर ऐसे नैपकीन महंगे हैं।