घूसखोर अधिवक्ता ऐसे चढ़े भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे

पाटन थाने में दर्ज प्रकरण में धाराएं हटा कर परिवादी के पक्ष में कार्य करने की एवज में एक लाख रुपए बतौर रिश्वत की मांग की गई थी। बातचीत में समझौता सत्तर हजार रुपए में तय हुआ।

227

अधिकारियों को घूस लेते आपने सुना होगा, लेकिन अब वकील भी घूस लेने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के सीकर जिले से सामने आया है। यहां के पाटन पुलिस थानाधिकारी व रीडर के नाम रिश्वत लेते भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की सीकर टीम ने तीन अधिवक्ताओं को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

70 हजार में हुआ था समझौता
उप पुलिस अधीक्षक एसीबी सीकर राजेश जांगिड़ ने बताया कि पाटन थाने में दर्ज प्रकरण में धाराएं हटा कर परिवादी के पक्ष में कार्य करने की एवज में एक लाख रुपए बतौर रिश्वत की मांग की गई थी। बातचीत में समझौता सत्तर हजार रुपए में तय हुआ।

ये भी पढ़ें- राबड़ी सरकार में मंत्री रहे रविंद्र नाथ मिश्र को आजीवन कारावास, यह है मामला

शिकायत की सत्यापन के दौरान अधिवक्ता सागरमल निवासी मदनी दातारामगढ , उज्जवल खोखर व बजरंगलाल ने बीस हजार रुपए प्राप्त कर चुके थे। शेष पचास हजार रुपए 20 फरवरी की देर रात प्राप्त करने के दौरान घेरा डाले भ्रष्टाचार निरोधक की पुलिस निरीक्षक सुरेशचन्द की टीम ने तीनों अधिवक्ताओं को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उप अधीक्षक ने बताया कि मामले में पाटन थानाधिकारी व उसके रीडर की संलिप्तता की जांच की जा रही है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.