रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के एक साल पूरे होने से कुछ दिन पहले 21 फरवरी (मंगलवार) को संसद से देश को संबोधित किया। पुतिन ने कहा कि डोनबास में हमने बहुत कुछ गंवाया है। तब भी डोनबास और लुहांस्क में आखिरी दम तक हार नहीं मानी। पुतिन ने इस जंग में नाटो के बढ़ते दखल पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नाटो ने यूक्रेन को युद्ध के लिए उकसाया।
नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया
राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी शक्तियों के हस्तक्षेप की वजह से हम आगे बढ़े। जेलेंस्की को बात करने का अवसर दिया। मगर नाटो ने यूक्रेन को बरगलाया और उकसाया। यूक्रेन ने दुनिया को युद्ध में धकेला है। इस युद्ध का आपसी बातचीत से ही हल निकलेगा। पश्चिमी देशों से परहेज करते हुए यूक्रेन बातचीत की पहल करे तो बेहतर होगा। पुतिन ने कहा कि रूस ने शांति के लिए हर संभव कोशिश की है। रूस आने वाली पीढ़ियों को जंग से बचाना चाहता है। हमारा प्रण है कि देश को बचाकर रखा जाएगा। राष्ट्रपति ने यूक्रेन युद्ध पर साथ देने के लिए नागिरकों का आभार जाताया। उन्होंने कहा कि रूस पश्चिम के हर नापाक मंसूबे को विफल करते हुए आक्रमण को और तेज करेगा।
रूस के टुकड़े करना चाहते हैं पश्चिमी देश
उन्होंने कहा कि रूस किसी की जान नहीं लेना चाहता। वह चाहते हैं। शांतिपूर्ण तरीके से इस युद्ध का हल निकाला जाए। पश्चिम ने दुनिया में दहशत फैलाई। यूक्रेन को अमेरिका और यूरोप जितने हथियार देंगे जंग उतनी ही चलेगी। इस युद्ध ने कई परिवारों को बरबाद किया है। जेलेंस्की ने अपने नागरिकों को धोखा दिया है। पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिम ने शांति प्रस्तावों पर बात नहीं बनने दी।
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राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देशों को रूसीफोबिया हो गया है। युद्ध के मैदान में रूस को हराना इतना आसान नहीं होगा। अमेरिका समस्या के समाधान का पक्षधर नहीं है। पश्चिम देश रूस के टुकड़े करना चाहते हैं। जंग के लिए ट्रिलियन डॉलर दिए जा रहे हैं। अमेरिका ने सीरिया और इराक में जो खेल खेला है, वह चाहता है वैसे ही वह रूस के साथ खेले।
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